वाराणसी: सारनाथ थाना क्षेत्र के रुद्रा हाइट्स में जुआ पकड़ने के दौरान छापेमारी करते हुए 41 लाख रुपये की लूट के मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता कानूनी शिकंजे में फंस गए हैं। कई दिनों तक शिकायतकर्ता सामने नहीं आने पर एक दरोगा ने इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराया, जिसके बाद गुप्ता ने लखनऊ में सीबीसीआईडी के अधिकारियों से संपर्क कर बनारस से अपना तबादला करा लिया।
सारनाथ एसओ ने पूर्व एसएचओ और एक व्यक्ति पर, जो फर्जी ओएसडी बनकर उनके साथ था, जुआ के पैसे लूटने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया। इस केस में सीएम का फर्जी ओएसडी धर्मेंद्र चौबे भी नामजद है। एफआईआर दर्ज होते ही इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता और धर्मेंद्र चौबे फरार हो गए हैं।
इस मामले में रुद्रा हाइट्स के मालिक और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है, जिन पर जुआ खिलाने का आरोप है। पुलिस अब धर्मेंद्र चौबे और अन्य जुआरियों की तलाश कर रही है और उनकी लोकेशन ट्रैक करने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर परमहंस ने लखनऊ में बैठे अपने उच्च अधिकारियों की मदद से सीबीसीआईडी में तबादला करवा लिया और पुलिस अधिकारियों को गुमराह करते हुए कमिश्नरेट से रिलीव हो गए। जब इस मामले पर विवाद बढ़ा, तो पुलिस अधिकारियों ने केस दर्ज करने का आदेश दिया। वर्तमान थानाध्यक्ष विवेक कुमार त्रिपाठी ने केस दर्ज कर मामले को नियंत्रण में लिया और अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू की है।
जानकारी के मुताबिक, 7 नवंबर को इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता ने एक अपार्टमेंट पर छापा मारकर 40 लाख रुपये लूटे थे। इस छापे में उनके साथ सिविल ड्रेस में धर्मेंद्र चौबे भी था, जिसने गार्ड से खुद को मुख्यमंत्री योगी का OSD बताया। इस दौरान अपार्टमेंट में शहर के बड़े कारोबारी जुआ खेल रहे थे, जिन्हें धमकाकर रकम वसूली गई।
सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता लिफ्ट से बाहर आ रहे हैं, और उनके साथ मौजूद व्यक्ति दो बैग में नगदी लेकर जा रहा है। इस फुटेज के वायरल होने पर पुलिस कमिश्नर ने गुप्ता को पहले लाइन हाजिर और फिर सस्पेंड कर दिया। डीसीपी वरुणा चंद्रकांत मीना ने इस मामले की जांच एडीसीपी को सौंपी, जिसमें पूरा मामला स्पष्ट हो गया। अब एसओ सारनाथ विवेक त्रिपाठी ने प्रमाणों के आधार पर केस दर्ज किया है, और इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता का विवादों से पुराना नाता है। चेतगंज और चोलापुर थानों में तैनाती के दौरान भी उन पर कई शिकायतें हुई थीं, जिसके कारण उन्हें हटाया गया था, लेकिन फिर जुगाड़ के बल पर उन्हें उच्च पद मिल गया था।

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