Varanasi: बसपा सरकार के दौरान हुए 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। इस मामले में ईडी अब अधिकारियों और ठेकेदारों से दोबारा पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता और वर्तमान में भाजपा विधायक त्रिभुवन राम से भी पूछताछ की योजना बना रही है। त्रिभुवन राम वाराणसी की अजगरा विधानसभा सीट से विधायक हैं और उनसे तीन साल पहले भी पूछताछ की गई थी। हालांकि, विधायक टी.राम ने किसी भी नए नोटिस प्राप्त होने से इनकार किया है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने विधायक त्रिभुवन राम को दीपावली से पहले बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा है, जिसमें उन्हें निर्धारित तारीख की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही खनन निदेशालय के तत्कालीन संयुक्त निदेशक डॉ. सुहेल अहमद फारुकी को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है। ईडी खनन घोटाले की जांच भी तेजी से आगे बढ़ा रही है और इसके लिए विजिलेंस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है।
विधायक त्रिभुवन राम का कहना है कि उन्हें फिलहाल कोई नया नोटिस नहीं मिला है। तीन साल पहले उनसे इस मामले में पूछताछ हुई थी, और तब उन्होंने जांच एजेंसियों को स्पष्ट कर दिया था कि इस घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है। पिछले सप्ताह ईडी ने तत्कालीन खनन निदेशक रामबोध मौर्य, बसपा सरकार में प्रमुख सचिव, आवास और शहरी नियोजन के मोहिंदर सिंह, और लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष हरभजन सिंह के बयान भी दर्ज किए थे। इसके अलावा कुछ अन्य पूर्व अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

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