पुणे स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में आज इतिहास रचा गया, जब पहली बार महिला कैडेट्स ने पुरुष कैडेट्स के साथ कदम से कदम मिलाकर ग्रेजुएशन पूरा किया। 30 मई 2025 को हुए इस पासिंग आउट परेड में कुल 370 कैडेट्स शामिल थे, जिनमें 17 महिला कैडेट्स भी थीं। यह देश की सैन्य शिक्षा और महिलाओं की भागीदारी के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
वर्ष 2021 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद महिलाओं को पहली बार NDA में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। इसके बाद से कई बदलाव किए गए ताकि महिला कैडेट्स को पुरुष कैडेट्स के समकक्ष ट्रेनिंग दी जा सके। आज, उसी फैसले का परिणाम सामने आया जब ये 17 महिला कैडेट्स सफलतापूर्वक तीन साल की कठोर ट्रेनिंग पूरी कर देश की सेवा के लिए तैयार हुईं।
इन महिला कैडेट्स को अब भारतीय थलसेना (Army), नौसेना (Navy) और वायुसेना (Air Force) में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस मौके पर मौजूद सैन्य अधिकारियों और परिवारजनों की आंखों में गर्व और भावुकता दोनों ही साफ झलक रही थी।
NDA की यह पहली महिला बैच न केवल देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी, बल्कि भारतीय सेना में लैंगिक समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जाएगी। यह उपलब्धि भारतीय रक्षा बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और आत्मनिर्भर भारत की सोच को और मजबूती देती है।
साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को NDA में शामिल होने के लिए अनुमति दी थी। दरअसल, बीते 75 सालों से महिलाओं को टेरिटोरियल आर्मी में ऑफिसर पदों पर भर्ती का प्रावधान नहीं था। इसके खिलाफ कुश कालरा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां 18 अगस्त 2021 को कोर्ट ने पहली बार लड़कियों के लिए NDA में शामिल होने के दरवाजे खोल दिए। इस फैसले के बाद, 2022 में पहली बार 17 महिला कैंडिडेट्स का बैच NDA में शामिल हुआ, जो आज ग्रेजुएट हुए हैं।

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