वाराणसी: गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर काशी एक बार फिर देव दीपावली जैसी अद्भुत आभा से आलोकित होगी। मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की खुशी में काशीवासी गंगा घाटों पर विविध धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ इस पर्व को भव्यता से मनाएंगे। अस्सी घाट से नमोघाट तक फैले 84 घाटों पर गंगा पूजन, दीप सज्जा और महाआरती की विशेष व्यवस्था की गई है।
गंगा सेवा निधि की ओर से इस महाआयोजन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। संभावना है कि उपराष्ट्रपति स्वयं इस आयोजन में शामिल होकर मां गंगा की महाआरती का साक्षी बनेंगे। गंगोत्री सेवा समिति, गंगा सेवा निधि और नमामि गंगे सहित कई संगठनों ने मिलकर इस आयोजन को और भी भव्य बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पांच जून को सुबह से ही आयोजनों का क्रम शुरू होगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर नमामि गंगे की ओर से विशेष गंगा पूजन किया जाएगा। वहीं दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा देव दीपावली की तर्ज पर महाआरती का आयोजन होगा। महाआरती में 11 ब्राह्मण वैदिक मंत्रों के साथ मां गंगा की आरती करेंगे, जबकि 21 कन्याएं ‘रिद्धि-सिद्धि’ स्वरूप में चंवर डुलाकर इस आयोजन को विशेष बनाएंगी।
गंगा घाटों को दीपों से सजाया जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी आकर्षक प्रस्तुति होगी, जिससे यह आयोजन दर्शकों और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन सके। गंगोत्री सेवा समिति के पं. दिनेशशंकर दुबे ने बताया कि गंगा दशहरा और देव दीपावली दो ऐसे पर्व हैं, जब मां गंगा की विशेष महाआरती की जाती है।
इस बार गंगा दशहरा के अवसर पर 108 किलोग्राम वजनी अष्टधातु की मां गंगा की भव्य प्रतिमा के भी दर्शन कराए जाएंगे। पूजन से पहले षोडशोपचार विधि से मां गंगा की पूजा की जाएगी और 51 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक किया जाएगा। यह आयोजन श्रद्धा, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ काशीवासियों और देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव बनेगा।

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