वाराणसी में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए नाइट ब्लड सर्वे

Ujala Sanchar

वाराणसी: जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग ने 4 से 12 नवंबर तक नाइट ब्लड सर्वे कराया। इस सर्वे का उद्देश्य फाइलेरिया के प्रसार की क्षमता का आकलन करना था, विशेषकर दवा खिलाने के बाद माइक्रो फाइलेरिया की स्थिति का पता लगाना। पिछले तीन वर्षों में सफल मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) और ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (टास-1) के बाद यह कार्य किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि यह रोग क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया के कीटाणु रात में अधिक सक्रिय होते हैं, इसीलिए रक्त के नमूने रात में लिए जाते हैं। जांच में सकारात्मक पाए जाने पर मरीजों का इलाज नि:शुल्क किया जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि 33 प्लानिंग यूनिट्स में से जैतपुरा (शहरी क्षेत्र) और चोलापुर (ग्रामीण क्षेत्र) में पैरासाइट लोड एक फीसदी से अधिक पाया गया है।

फाइलेरिया इकाई प्रभारी डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि जैतपुरा और चोलापुर के विभिन्न क्षेत्रों में सेंटीनल और रैंडम साइट्स पर नाइट ब्लड सर्वे किया गया। चोलापुर के जगदीशपुर में 302, मुनारी में 306, जैतपुरा के ईश्वरगंगी में 301 और लोहटिया में 302 रक्त नमूने संग्रहित किए गए। यदि माइक्रो फाइलेरिया दर 1% से अधिक पाई जाती है, तो इन क्षेत्रों में दोबारा दवा खिलाई जाएगी ताकि संक्रमण को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सके।

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