Varanasi: बीएचयू में ग्रेजुएशन छात्र तीन सेमेस्टर तक प्रवासी भारतीय की पढ़ाई कर सकेंगे। छात्र इसे आप्शनल के तौर पर चुन सकते हैं। इसी सत्र से कोर्स की शुरूआत हो सकती है। एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। कुलपति की सहमति के बाद इसे शुरू किया जाएगा। प्रवासी भारतीय पर पढ़ाई से युवाओं के लिए विदेश में नौकरी और व्यवसाय के लिए रास्ते खुलेंगे।
छात्रों के लिए यह एक आप्शनल कोर्स होगा। इसे स्नातक के साथ मल्टी डिसीप्लीनरी कोर्स के तौर पर शामिल किया गया है। इसका प्रस्तावक बीएचयू का भारत अध्ययन केंद्र है। समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी के अनुसार पूरी दुनिया में साढ़े तीन करोड़ से अधिक आबादी प्रवासी भारतीय की है। इनकी वजह से विदेशों में भारत को मजबूती मिली है। इससे देश के युवाओं को जोड़ने के उद्देश्य से इस कोर्स को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
इस कोर्स की पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए विदेश में नौकरी और रोजगार की तलाश करना आसान होगा। कोर्स को चार यूनिट में बांटा गया है। पहले यूनिट में प्रवासी भारतीय अध्ययन, ट्रांस नेशनलिज्म, राष्ट्रवाद, मातृभूमि, उपनिवेश और साफ्ट पावर, दूसरा प्रभारी भारतीय दूसरे देशों में कैसे खुद को एडजस्ट करते हैं। बाहरी लोगों से कैसे मिल-जुलकर रहते हैं। तीसरा भारत के अलग-अलग तरह के प्रवासियों की पहचान और चौथा समय के साथ भारतीयों का प्रसार विषय पर होगा।
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