विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर बोले सीएमओ: 30 वर्ष के ऊपर के लोग नियमित अंतराल पर करायें रक्तचाप की जांच

Ujala Sanchar

वाराणसी: प्रत्येक वर्ष 17 मई को “विश्व हाइपरटेंशन दिवस” या विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष “विश्व हाइपरटेंशन दिवस” की थीम “Measure Your Blood Pressure Accurately, Control it, Live Longer” तय की गई है। साथ ही विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2025 के उपलक्ष्य में 17 मई 2025 से दिनांक 17 जून 2025 (एक माह तक) गैर संचारी रोगों के प्रति जन-जागरूकता अभियान तथा स्क्रीनिंग गतिविधियों का भी अयोजन किया जायेगा। इस अभियान का उद्देश्य समुदाय स्तर पर उच्च रक्तचाप की रोकथाम, शीघ्र पहचान एवं उपचार को प्रोत्साहित करना है| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।

सीएमओ ने बताया कि इस दौरान जिला अस्पतालों, सभी शहरी एवं ग्रामीण सीएचसी एवं पीएचसी पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जायेंगे| जिसमें वाँकथान, मैराथन, रैली, साईकिल रैली, प्रश्नोतरी, नारा लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जायेगा| इसके अलावा सरकारी स्वास्थ्य इकाईयों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, शहरी मलिन बस्तियों में स्क्रीनिंग शिविर का भी आयोजन किया जायेगा| जहाँ पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं कैंसर की जांच की जायेगी।

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि 30 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्तियों को अपने ब्लड प्रेशर की जाँच नियमित अंतराल पर कराते रहना चाहिए| इसके लिए जनपद में स्टेमी परियोजना के अंतर्गत जिला अस्पतालों सहित सभी सीएचसी पर जाँच की व्यवस्था की गई है| वहां पर जाकर कोई भी व्यक्ति अपनी जाँच करवा सकता है।

उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) भी कहा जाता है। ये अक्सर अनियमित जीवन शैली, मोटापा, तनाव को नजरअंदाज करने और खराब खानपान का परिणाम होता है। अगर हम संतुलित आहार ग्रहण करते हैं और स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं तो निश्चित रूप से इससे बच सकते हैं। उच्च रक्तचाप से हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी की बीमारी और दृष्टि हानि जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। शुरुआत में इसका पता नहीं चलता है, बाद में परेशानी बढ़ जाती है। 

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सामान्य लक्षण

सिरदर्द होना, ज्यादा तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चेहरे, बांह या पैरों में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंधला दिखाई देना। 

बचाव के उपाय

औसत रक्तचाप 85 से 135 के बीच रहना चाहिए। इससे अधिक होने पर उपचार लें। ऐसे मरीज ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं और खान पान में खास ध्यान रखें। व्यायाम कर वजन संतुलित रखें, धुम्रपान व शराब के सेवन से बचना चाहिए।

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