एयर इंडिया एक्सप्रेस, जो टाटा समूह के अधीन संचालित एयरलाइनों में से एक है, अपने बेड़े से बिजनेस क्लास की सीटें हटाने की योजना बना रही है। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि 2025 तक कंपनी चरणबद्ध तरीके से अपने सभी विमानों से बिजनेस क्लास सीटें हटा देगी। यह निर्णय कंपनी के व्यवसायिक मॉडल के अनुरूप लिया गया है, जो मुख्य रूप से बजट यात्रियों पर केंद्रित है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस का बेड़ा और विस्तार
फिलहाल, एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास कुल 85 विमान हैं, जिनमें ए320 श्रृंखला के 25 विमान और बोइंग 737 श्रृंखला के 60 विमान शामिल हैं। इस बेड़े की संख्या वर्ष के अंत तक लगभग 100 होने की उम्मीद है, जो इसे और अधिक प्रभावी बनाता है।
विशेष रूप से एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास 34 व्हाइट टेल बोइंग 737-8 विमान हैं। इनमें से 29 विमानों में बिजनेस क्लास की सीटें हैं, जो इस साल के अंत तक 50 विमानों तक पहुंचने वाली हैं।
क्या हैं व्हाइट टेल विमान?
आपको बता दें कि “व्हाइट टेल” विमान ऐसे विमान होते हैं, जो मूल रूप से किसी खास एयरलाइन के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें किसी अन्य एयरलाइन द्वारा लिया जाता है। इन विमानों का पुनः उपयोग करके एयरलाइनों को लागत में कमी और बेड़े का विस्तार करने में मदद मिलती है।
बिजनेस क्लास की सीटें क्यों हटाई जा रही हैं?
एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारी के अनुसार, इन विमानों में लगी बिजनेस क्लास सीटों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा क्योंकि बिजनेस क्लास कंपनी के व्यापारिक मॉडल के अनुकूल नहीं है। एयर इंडिया एक्सप्रेस का मुख्य फोकस इकनॉमी क्लास यात्रियों पर है, जिनमें बजट यात्राएं प्राथमिकता होती हैं।
बिजनेस क्लास, जो अधिकतम सुविधाओं और आराम की पेशकश करती है, आम तौर पर उच्च-स्तरीय यात्रियों के लिए होती है। हालांकि, एयर इंडिया एक्सप्रेस का उद्देश्य कम लागत वाली सेवाएं प्रदान करना है, जिससे वे अधिक से अधिक यात्रियों को आकर्षित कर सकें। इस बदलाव के बाद, एयरलाइन अपने बजट-फ्रेंडली मॉडल को और भी बेहतर ढंग से लागू कर पाएगी।
एआईएक्स कनेक्ट और एयर इंडिया एक्सप्रेस का विलय
एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयर एशिया इंडिया) का विलय एक महत्वपूर्ण घटना है, जो 1 अक्टूबर 2024 को पूरा होने वाला है। इस विलय के बाद, कंपनी की सेवाएं और ऑपरेशन्स एकीकृत रूप से संचालित होंगे।
टाटा समूह की चार प्रमुख एयरलाइनों—एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट—में से दो, एयर इंडिया और विस्तारा, का विलय भी 12 नवंबर 2024 तक पूरा होने की योजना है। यह विलय टाटा समूह की एयरलाइनों के बीच तालमेल और प्रतिस्पर्धात्मकता को और भी मजबूत करेगा।
क्या बदलाव लाएगा यह निर्णय?
बिजनेस क्लास सीटों को हटाने का मुख्य उद्देश्य एयर इंडिया एक्सप्रेस को और अधिक कुशल और यात्रियों के लिए किफायती बनाना है।
- यात्रा की लागत में कमी: चूंकि बिजनेस क्लास की सीटें अधिक लागत वाली होती हैं, उन्हें हटाने से कंपनी को संचालन में और अधिक दक्षता मिलेगी, जिससे यात्रियों को कम किराए पर यात्रा करने का अवसर मिलेगा।
- फोकस इकनॉमी क्लास पर: यह बदलाव मुख्य रूप से बजट यात्रियों के लिए लाभकारी होगा, जो एयर इंडिया एक्सप्रेस की सबसे बड़ी ग्राहक श्रेणी हैं। यह कदम एयरलाइन को सीधे तौर पर लो-कॉस्ट कैरियर मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतर स्थिति में लाएगा।
- सेवाओं में सुधार की उम्मीद: व्यवसायिक वर्ग की सीटें हटाकर, एयरलाइन संभवतः इकनॉमी क्लास यात्रियों के लिए सेवाओं में सुधार करेगी, जैसे बेहतर भोजन विकल्प, बैठने की व्यवस्था में सुधार और अन्य सहूलियतें।
टाटा समूह की भविष्य की योजना
टाटा समूह, जो एयर इंडिया और विस्तारा समेत चार एयरलाइनों का संचालन करता है, अपने पोर्टफोलियो को पुनर्गठित करने में जुटा हुआ है। इस रणनीतिक बदलाव का मुख्य उद्देश्य सभी एयरलाइनों के ऑपरेशंस को सुगम और मुनाफा बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ाना है।
विस्तारा और एयर इंडिया का विलय भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है, जो उच्च स्तरीय यात्रियों के लिए अधिक व्यापक और कुशल सेवाएं प्रदान करेगा। वहीं, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट के साथ मिलकर कम लागत वाली सेवाओं में मजबूती लाई जाएगी।
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