भारत के खतरनाक झरने: मानसून में इन जगहों पर जाने से पहले रहें सावधान

मानसून का मौसम आते ही प्रकृति की खूबसूरती और भी निखर जाती है। बारिश के साथ हरियाली, पहाड़, और झरने अपनी पूरी सुंदरता बिखेरने लगते हैं। लेकिन जितना आकर्षक ये झरने दिखते हैं, उतना ही खतरनाक भी हो सकते हैं। मानसून के दौरान इन जगहों पर थोड़ी सी लापरवाही आपकी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। भारत में कई ऐसे झरने हैं, जहां पर बारिश के मौसम में जाना बेहद खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही झरनों के बारे में, जहां जाने से पहले आपको पूरी जानकारी रखना बेहद जरूरी है।

कुंचीकल झरना: कर्नाटक की जानलेवा सुंदरता

कर्नाटक में स्थित कुंचीकल झरना, अपनी ऊंचाई और प्रवाह के लिए प्रसिद्ध है। यह झरना वाराही नदी पर स्थित है और मानसून के दौरान इसका नजारा वाकई अद्भुत होता है। इस झरने की ऊंचाई इसे भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक बनाती है। बारिश के मौसम में इस झरने के पास जाना बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि पानी का प्रवाह काफी तेज हो जाता है और पत्थर बेहद चिकने हो जाते हैं।

यदि आप इस झरने के पास जाते हैं, तो यहां का नजारा आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। लेकिन साथ ही, सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस क्षेत्र में फिसलन बहुत होती है और थोड़ी सी लापरवाही बड़ा हादसा बन सकती है। इसलिए कुंचीकल झरने पर जाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप सतर्क हैं और सुरक्षित स्थान पर खड़े हैं।

बरेहीपानी झरना: ओडिशा की रोमांचक लेकिन खतरनाक जगह

ओडिशा के बरेहीपानी झरने का नाम सुनते ही रोमांच का अहसास होता है। यह झरना भारत के दूसरे सबसे बड़े झरनों में से एक है। 399 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना मानसून में और भी अधिक भव्य लगता है। लेकिन इसके पास जाना किसी खतरे से कम नहीं है।

मानसून में झरने का प्रवाह बेहद तेज हो जाता है और पास की चट्टानें फिसलन भरी हो जाती हैं। कई लोग रील्स या फोटोज़ बनाने के चक्कर में इन झरनों के नज़दीक जाने की कोशिश करते हैं, जो कि बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। भारी बारिश के दौरान इस झरने के आसपास जाने से बचना चाहिए, क्योंकि एक छोटी सी गलती आपकी जान को जोखिम में डाल सकती है।

नोहकलिकाई झरना: मेघालय की खूबसूरत, लेकिन खतरनाक पहचान

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का नोहकलिकाई झरना अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यह झरना 360 मीटर की ऊंचाई से गिरता है, जो इसे और भी खास बनाता है। मानसून के दौरान यहां की बारिश इसे और भी अधिक खतरनाक बना देती है। मेघालय के चेरापूंजी क्षेत्र में स्थित यह झरना मानसून के दौरान पूरी तरह से तालाब जैसा दृश्य प्रस्तुत करता है, लेकिन इस दौरान इसके पास जाना काफी जोखिम भरा हो सकता है।

बारिश के समय यहां की धारा तेज हो जाती है, जिससे झरने के पास जाना खतरे से खाली नहीं होता। कई लोग इसकी सुंदरता के कारण इसके पास जाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस दौरान अगर सावधानी नहीं बरती जाए, तो बड़ा हादसा हो सकता है। नोहकलिकाई झरना देखने लायक तो जरूर है, लेकिन बारिश के समय इसे दूर से ही निहारना बेहतर होता है।

मानसून में झरने देखने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

मानसून के समय झरने देखने का मजा ही कुछ और होता है, लेकिन अगर आप सचमुच सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।

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1. सही समय और मौसम की जानकारी लें

झरने देखने के लिए मानसून सबसे बेहतरीन समय होता है, लेकिन इससे पहले मौसम की पूरी जानकारी ले लें। बारिश के समय कई जगहों पर लैंडस्लाइड और भारी बाढ़ जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान देखें और उसी के हिसाब से यात्रा की योजना बनाएं।

2. सुरक्षा उपकरण साथ रखें

अगर आप झरने के पास जाने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी उपकरण जैसे रेनकोट, मजबूत जूते और अगर संभव हो तो ट्रैकिंग स्टिक साथ में ले जाना न भूलें। यह चीजें आपको फिसलन भरी जगहों पर सुरक्षित रखेंगी और दुर्घटना के खतरे को कम करेंगी।

3. सही दूरी बनाए रखें

झरने की खूबसूरती को निहारना जरूरी है, लेकिन उसकी सीमा का ध्यान रखना और सही दूरी बनाए रखना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कई बार लोग झरने के बहुत करीब जाने की कोशिश करते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है। पानी का तेज प्रवाह आपको बहाकर ले जा सकता है, इसलिए हमेशा एक सुरक्षित दूरी से ही झरने को देखें।

4. मौसम के हिसाब से यात्रा की योजना बनाएं

मानसून के दौरान झरनों के आस-पास की स्थिति काफी बदल जाती है। तेज बारिश, बढ़ता पानी का स्तर, और फिसलन भरे रास्ते आपकी यात्रा को खतरनाक बना सकते हैं। इसलिए मानसून के दौरान यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी लें और सही समय पर यात्रा की योजना बनाएं।

5. फोटोग्राफी और सोशल मीडिया के चक्कर में न पड़ें

आजकल सोशल मीडिया के दौर में लोग हर जगह की तस्वीरें और वीडियो बनाकर पोस्ट करना चाहते हैं। खासकर झरनों के पास रील्स या फोटो खींचने का शौक बहुत बढ़ गया है। लेकिन याद रखें कि आपकी एक छोटी सी गलती आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है। फोटोग्राफी के लिए सही जगह चुनें और कभी भी झरने के बहुत करीब न जाएं।

भारत के अन्य खतरनाक झरने

इनके अलावा भी भारत में कई झरने हैं, जहां मानसून के दौरान जाना खतरनाक हो सकता है। जैसे कि:

  1. दुधसागर झरना, गोवा: गोवा का दुधसागर झरना मानसून के दौरान बेहद खूबसूरत लगता है, लेकिन यहां जाने का रास्ता खतरनाक होता है। भारी बारिश के कारण यहां ट्रैकिंग करना मुश्किल हो जाता है।
  2. जोग झरना, कर्नाटक: कर्नाटक का जोग झरना भी मानसून के समय खतरनाक साबित हो सकता है। इस झरने की ऊंचाई और प्रवाह इसे जोखिम भरा बनाते हैं। बारिश के दौरान फिसलन भरे रास्ते और तेज धारा इसे और भी खतरनाक बना देते हैं।
  3. शिवसामुद्रम झरना, कर्नाटक: शिवसामुद्रम झरना कावेरी नदी पर स्थित है और मानसून के समय इसका प्रवाह काफी तेज हो जाता है। बारिश के समय यहां की फिसलन और पानी का तेज प्रवाह आपको किसी दुर्घटना में डाल सकता है।

निष्कर्ष

झरने प्रकृति की अद्भुत कृतियां हैं, और मानसून के समय वे और भी ज्यादा सुंदर हो जाते हैं। लेकिन इसी सुंदरता के साथ खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप झरने देखने का मन बना रहे हैं, तो सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। इन झरनों के पास जाने से पहले उनकी स्थिति, मौसम और सुरक्षा उपकरणों की जानकारी जरूर लें। थोड़ी सी सावधानी आपकी यात्रा को सुरक्षित और मजेदार बना सकती है।

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