8 सितंबर 2024 को भारत में मंकीपॉक्स का पहला संभावित मामला दर्ज किया गया है। यह मामला एक युवक में पाया गया है, जो किसी ऐसे देश से लौटा है जहां मंकीपॉक्स पहले से फैला हुआ था। हालांकि, फिलहाल किसी तरह की बड़ी चिंता की बात नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बरतते हुए बयान जारी किया है। मंकीपॉक्स की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
अफ्रीका में मंकीपॉक्स का प्रकोप
इन दिनों अफ्रीका में मंकीपॉक्स के मामले बड़ी संख्या में देखने को मिल रहे हैं। वहाँ हजारों लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं और अब तक करीब 500 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह प्रकोप मुख्यतः क्लेड 1बी स्ट्रेन के कारण होता है, जो मंकीपॉक्स के एक खतरनाक प्रकार के रूप में जाना जाता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, इस स्ट्रेन से संक्रमित लोगों में मृत्यु दर लगभग 3.6% है, और खासकर बच्चों को इसका अधिक खतरा होता है।
एमपॉक्स क्या है?
एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से इंसानों और जानवरों को प्रभावित करता है। इसकी शुरुआत अक्सर फ्लू जैसे लक्षणों से होती है, जिनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं। बाद में शरीर पर मवाद से भरे घाव बन जाते हैं। ये संक्रमण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक रहता है और संक्रमित व्यक्ति, जानवर या दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से फैल सकता है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
एमपॉक्स का वायरस मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा, दूषित वस्त्र, बिस्तर, या अन्य सामानों से भी संक्रमण हो सकता है। साथ ही, किसी संक्रमित व्यक्ति की फुंसियों, घावों या पुटिकाओं के संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है। यही कारण है कि इस बीमारी से बचने के लिए अपरिचित व्यक्तियों के साथ यौन संपर्क से बचने, घावों वाले लोगों के पास जाने से परहेज करने, नियमित रूप से हाथ धोने और व्यक्तिगत वस्त्रों को साझा न करने की सलाह दी जाती है।
मंकीपॉक्स के प्रकार (क्लेड्स)
मंकीपॉक्स वायरस को मुख्यतः दो प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया गया है:
- क्लेड I – यह मध्य अफ्रीका में पाया जाता है और अधिक गंभीर होता है। इसके कारण होने वाली मृत्यु दर लगभग 10% तक हो सकती है, खासकर बच्चों में।
- क्लेड II – इसे पश्चिम अफ्रीकी क्लेड के नाम से भी जाना जाता है, और यह दो उपक्लेड्स (IIa और IIb) में विभाजित है। 2022 में फैला मंकीपॉक्स प्रकोप क्लेड IIb से जुड़ा था।
एमपॉक्स और कोविड-19 में अंतर
हालांकि दोनों ही बीमारियां वायरस के कारण होती हैं, लेकिन एमपॉक्स कोविड-19 की तरह हवा से आसानी से नहीं फैलता। यूएस CDC की रिपोर्ट के अनुसार, एमपॉक्स वायरस (MPXV) के संक्रमण के लिए संक्रमित व्यक्ति के साथ बहुत नजदीकी संपर्क आवश्यक होता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य यात्रा या फ्लाइट में होने से संक्रमण का जोखिम नहीं होता।
हालांकि, CDC ने यह सिफारिश की है कि यदि किसी व्यक्ति को एमपॉक्स है, तो उन्हें तब तक अलग-थलग रहना चाहिए जब तक कि वे पूरी तरह ठीक न हो जाएं और उनके घाव पूरी तरह से ठीक न हो जाएं।
मंकीपॉक्स का इलाज और बचाव
एमपॉक्स वायरस के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन अधिकांश मामलों में संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से खुद ही लड़ने में सक्षम होती है। जिन लोगों को त्वचा रोग या प्रतिरक्षा से संबंधित अन्य समस्याएं नहीं होतीं, वे आमतौर पर बिना किसी गंभीर चिकित्सा उपचार के ठीक हो जाते हैं। संक्रमण के दौरान दर्द और अन्य लक्षणों के प्रबंधन के लिए सहायक देखभाल की जाती है।
अगर किसी को लगता है कि उन्हें एमपॉक्स हो सकता है, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए और दूसरों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को तब तक अलग रहना चाहिए जब तक कि उनके सभी घाव पूरी तरह से सूख न जाएं और उन पर नई त्वचा न बन जाए। यह सावधानी न सिर्फ उनके लिए, बल्कि अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
बचाव के उपाय
- संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर घाव या फुंसियों के संपर्क में आने से बचें।
- सुरक्षित यौन संबंध: अपरिचित व्यक्तियों के साथ यौन संपर्क से बचें।
- स्वच्छता बनाए रखें: हाथों को बार-बार धोएं और दूसरों के साथ अपने व्यक्तिगत सामान साझा न करें।
- सतर्कता: यदि किसी जानवर या व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उनसे दूरी बनाए रखें और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करें।

Author: Ujala Sanchar
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