नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच रिश्तों में नया मोड़ आया है। दोनों देशों ने उत्तराखंड के लिपुलेख, शिपकी ला और सिक्किम के नाथु ला दर्रों से सीमा पार व्यापार फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। खास बात यह है कि इस बार व्यापार पूरी तरह सड़क मार्ग से होगा और भुगतान भारतीय रुपए और चीनी युआन में किया जाएगा। इससे पहले सीमा व्यापार वस्तु-विनिमय (Barter System) पर आधारित था।

यह महत्वपूर्ण फैसला 18-19 अगस्त को चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान हुआ। समझौते के अनुसार, सीमावर्ती इलाकों के व्यापारी आसानी से निर्धारित दर्रों के जरिए आयात-निर्यात कर सकेंगे। इससे न सिर्फ स्थानीय व्यापार को गति मिलेगी बल्कि भारत-चीन के आर्थिक रिश्तों में भी नई ऊर्जा आएगी।

हालांकि, नेपाल ने इस समझौते पर आपत्ति जताई है। नेपाल का कहना है कि लिपुलेख और शिपकी ला उसके क्षेत्र का हिस्सा हैं, ऐसे में भारत और चीन का यह निर्णय उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। नेपाल सरकार ने औपचारिक रूप से चिंता जताते हुए इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही है।

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।