अमेरिका में लगी 90 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा: सनातन धर्म का बढ़ता प्रभाव

हालांकि अमेरिका में ईसाई धर्म सबसे बड़ा धर्म है, लेकिन वहां सनातन धर्म धीरे-धीरे फैलता जा रहा है। अब सिर्फ भारतवंशी ही नहीं, बल्कि वहां के स्थानीय लोग भी हिंदू धर्म की ओर आकृष्ट हो रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के टेक्सास प्रांत के ह्यूस्टन शहर में 90 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित की गई है, जो इस बढ़ते प्रभाव का एक और प्रतीक बन गई है।

हनुमान जी की प्रतिमा का भव्य अनावरण

मंगलवार, जिसे भगवान हनुमान की आराधना का दिन माना जाता है, उसी दिन ह्यूस्टन में भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग शामिल हुए। इस दौरान हेलीकॉप्टर से भगवान की प्रतिमा पर पुष्पवर्षा भी की गई। इस भव्य प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ का नाम दिया गया है, क्योंकि भगवान हनुमान ने श्रीराम और माता सीता को पुनः मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हनुमान जी की मूर्तियों का महत्व

ह्यूस्टन के श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर के परिसर में स्थापित की गई इस 90 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा के अलावा, अमेरिका के डेलावेयर में भी 25 फीट ऊंची हनुमान जी की एक अन्य प्रतिमा मौजूद है। हनुमान जी को संकटमोचन के रूप में पूजा जाता है, जो हर प्रकार की बाधाओं का नाश करते हैं। उनकी भक्ति न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में तेजी से फैल रही है।

दुनिया में बढ़ती हनुमान भक्ति

त्रिनिदाद में 85 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है, जबकि भारत के आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 135 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा मौजूद है। ये प्रतिमाएं भगवान हनुमान के प्रति विश्वभर में फैली भक्ति का प्रतीक हैं। आज, अमेरिका में हिंदू धर्म की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। भारतवंशियों के साथ-साथ स्थानीय अमेरिकी भी धीरे-धीरे सनातन धर्म की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

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अमेरिका में सनातन धर्म का बढ़ता प्रभाव

अमेरिका में सनातन धर्म की बढ़ती लोकप्रियता यह दर्शाती है कि धर्म और आस्था की सीमाएं सिर्फ किसी एक देश तक सीमित नहीं हैं। हनुमान जी की ये विशाल प्रतिमाएं न केवल भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रतीक हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं कि वैश्विक स्तर पर हिंदू धर्म का प्रसार हो रहा है।

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