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Chandraghanta Mata ki aarti : नकारात्मकता से मुक्ति और साहस, शांति प्राप्ति का शक्तिशाली उपाय

chandraghanta mata ki aarti

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माता चंद्रघंटा देवी का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। वे माँ दुर्गा का तीसरा रूप हैं, जो अपने माथे पर अर्धचंद्र धारण किए हुए हैं। उनके इस रूप में देवी चंद्रघंटा अत्यंत शांत, सौम्य और शांति प्रदान करने वाली मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि माता चंद्रघंटा की आराधना से व्यक्ति के जीवन में संतुलन और साहस का संचार होता है, और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ दूर हो जाती हैं। उनकी आरती गाकर भक्त उनसे जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

माता चंद्रघंटा की आरती में उनके सौम्य और वीर रूप का गुणगान किया जाता है। भक्तगण उनकी आरती श्रद्धा और भक्ति से करते हैं, जिससे माता उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें। माता चंद्रघंटा की आरती सरल भाषा में होती है, ताकि हर कोई इसे गा सके और माँ का आशीर्वाद पा सके। माता चंद्रघंटा की आरती का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मकता आती है, और उसके जीवन में साहस, शांति और संतोष का वास होता है।

आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम
पूर्ण कीजो मेरे काम
चंद्र समान तू शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती
क्रोध को शांत बनाने वाली
मीठे बोल सिखाने वाली
मन की मालक मन भाती हो
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली
हर संकट मे बचाने वाली
हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं
शीश झुका कहे मन की बाता
पूर्ण आस करो जगदाता
कांची पुर स्थान तुम्हारा
करनाटिका में मान तुम्हारा
नाम तेरा रटू महारानी
‘भक्त’ की रक्षा करो भवानीChandraghanta Mata ki aarti

आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम
पूर्ण कीजो मेरे काम
चंद्र समान तू शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती
क्रोध को शांत बनाने वाली
मीठे बोल सिखाने वाली
मन की मालक मन भाती हो
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली
हर संकट मे बचाने वाली
हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं
शीश झुका कहे मन की बाता
पूर्ण आस करो जगदाता
कांची पुर स्थान तुम्हारा
करनाटिका में मान तुम्हारा
नाम तेरा रटू महारानी
‘भक्त’ की रक्षा करो भवानीआरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम
पूर्ण कीजो मेरे काम
चंद्र समान तू शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती
क्रोध को शांत बनाने वाली
मीठे बोल सिखाने वाली
मन की मालक मन भाती हो
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली
हर संकट मे बचाने वाली
हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं
शीश झुका कहे मन की बाता
पूर्ण आस करो जगदाता
कांची पुर स्थान तुम्हारा
करनाटिका में मान तुम्हारा
नाम तेरा रटू महारानी
‘भक्त’ की रक्षा करो भवानी

Neha Patel
Author: Neha Patel

Neha Patel is a content and news writer who has been working since 2023. She specializes in writing on religious news and other Indian topics. She also writes excellent articles on society, culture, and current affairs.

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