भैरव जी वो है की जिनको शिव के रौद्र रूप में आप सब पूजा करते हैं जो कि आप सभी भक्तों की जितनी भी बाधा होती है वह सब दूर हो जाती हैं भैरव जी वह है जिनको काल का आधापति भी माना जाता है जो कि न्याय के देवता के रूप में भी जाने जाते हैं आप सब भक्तगण उनकी आरती को गाकर के उन्हें खुश करने की कोशिश भी करते हैं ताकि आपके जीवन में जो भी आने वाली कठिनाई है उसे आपकी रक्षा हो सके और जितनी भी पूरी सकती है उसका नाश हो सके भैरव जी की जो पूजा से साहस शक्ति और आत्मविश्वास का विकास होता है जिससे कि आप सभी व्यक्ति हर एक परिस्थिति में डट करके खड़े भी हो सकते हैं।
भैरव जी की जो आरती है उसको गाने से आप सभी व्यक्ति का जो भी मन है वह शांत रहेगा और जो भी नकारात्मक मतलब की गलत ऊर्जा है वह सब दूर होता है यह जो आरती है उसके समय भारत की से आप प्रार्थना भी कर सकते हैं कि आपके जीवन में अच्छी ऊर्जा का संचार हो और हर एक दिशा में आपको सफलता भी प्रदान करें इस आरती के जरिए से आप सभी भक्त उन्हें अपना एक मार्गदर्शक भी मानते हैं जिससे कि आपके जीवन को सुख शांति और समृद्धि से भरने के लिए भी कामना करते हैं।
आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा |
जय काली और गौर देवी कृत सेवा ||
|| जय भैरव देवा…||
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक |
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ||
|| जय भैरव देवा…||
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी |
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ||
|| जय भैरव देवा…||
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे |
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ||
|| जय भैरव देवा…||
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी |
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ||
|| जय भैरव देवा…||
पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत |
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ||
|| जय भैरव देवा…||
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे |
कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ||
|| जय भैरव देवा…||









