Author: Shubham

नवरात्रि : शक्ति और साधना का महापर्व
Culture

नवरात्रि : शक्ति और साधना का महापर्व

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो शक्ति की उपासना और साधना का प्रतीक है। यह पर्व विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए मनाया जाता है। नवरात्रि शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘नौ रात्रियों‘ का पर्व। इस दौरान देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। यह पर्व वर्ष में दो बार आता है। एक बार वसंत ऋतु में जिसे ‘चौत्र नवरात्रि‘ कहा जाता है, और दूसरा बार शरद ऋतु में जिसे ‘शारदीय नवरात्रि‘ कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि को विशेष महत्व प्राप्त है, जो विशेष रूप से आश्विन महीने में आती है। इन नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो अलग-अलग शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन रूपों की पूजा से साधक को भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। आज हम इस आर्टिकल में मॉ दुर्गा के नौ रूपों के बारें में जानने का प्रयास करेंग...
नवरात्रि के 9 दिनों में इन रंगों के कपड़े पहन कर मां भगवती की पाएं विशेष कृपा
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नवरात्रि के 9 दिनों में इन रंगों के कपड़े पहन कर मां भगवती की पाएं विशेष कृपा

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना के लिए समर्पित होता है। नवरात्रि मुख्य रूप से साल में चार बार मनाई जाती है, जिनमें चौत्र, आश्विन, आषाढ़ और माघ महीने की नवरात्रियां शामिल हैं। चौत्र और आश्विन की नवरात्रियों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इनमें से चौत्र नवरात्रि को बड़ी और आश्विन नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान भक्तजन व्रत रखते हैं और मां भगवती की पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे वे अपनी समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना करते हैं। शारदीय नवरात्रि इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है और 11 अक्टूबर को इसका समापन होगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक दिन एक विशेष रंग से जुड़ा होता है। नवरात्रि के इन रंगों का ...
भारत भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: एक अनोखी यात्रा का अनुभव
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भारत भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: एक अनोखी यात्रा का अनुभव

भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: सिर्फ भक्तों के लिए एक सुख और खुशी की खबर है अब आप कैलाश पर्वत के पवित्र दर्शन भारत की भूमि सही कर सकते हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के जिले में स्थित ओल्ड क्लिप से इस यात्रा का आगाज हो चुका है नवरात्रि के पहले दिन से ही यात्रियों का एक समूह इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बना है या यात्रा न केवल कैलाश पर्वत के दर्शन का अवसर देता है बल्कि आदि कैलाश और ॐ पर्वत के दर्शन का भी व्यवस्था किया गया है लिए हम इस यात्रा की विशेषता और इससे जुड़ी जानकारी को विस्तार से जानते हैं। भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन से जुड़े मुख्य बिंदु आपके भारत से कैलाश पर्वत के दर्शन अब संभव है। आदि कैलाश और ॐ पर्वत भी पैकेज में शामिल है। श्रद्धालुओं के लिए जो लिपुलेख से यात्रा शुरू हो चुकी है। स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना। भारत की भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: शिव भक्तों...
बिहार भूमि सर्वे: कैसे जानें कि आपकी जमीन पर कोई और दाखिल-खारिज तो नहीं
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बिहार भूमि सर्वे: कैसे जानें कि आपकी जमीन पर कोई और दाखिल-खारिज तो नहीं

Bihar land survey आपके बिहार में जमीन से जुड़े मामलों में दाखिल खारिज के घोटाले का सामना करना कोई नई बात तो नहीं है आप जैसे जमीन मालिक अक्सर या जानने में असमर्थ होते हैं कि आपकी जमीन पर बिना आपकी जानकारी के कोई दूसरा व्यक्ति दाखिल खारिज तो नहीं कर रहा है तो सरकार ने इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए बहुत कड़े नियम को बनाया है ताकि हर एक जमीन के मालिक अपने संपत्ति पर होने वाले किसी भी तरह के बदलाव की जानकारी को रख सके लेकिन यह कैसे किया जाए। दाखिल-खारिज क्या है? बिहार दाखिल ख़ारिज एक कानून की प्रक्रिया है जिसके तहत किसी भी संपत्ति के मालिकाना हक में बदलाव को दर्ज किया जाता है यह प्रक्रिया तब जरूरी होती है जब कोई भी जमीन बेची जाती है या फिर गिफ्ट दिया जाता है या वारिस के नाम पर स्थानांतरित की जाती है। लेकिन ऐसा कई बार देखा गया है कि यह प्रक्रिया बेईमान लोगों के जरिए बिना असली मालिक के जानक...
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की महिमा
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नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की महिमा

नवरात्रि के दूसरे दिन, देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यह दिन हमें सिखाता है कि अगर हम सच्ची श्रद्धा और दृढ़ निश्चय से किसी कार्य में जुट जाएं, तो हम अपने सभी लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। उनका नाम 'ब्रह्मचारिणी' इस बात का प्रतीक है कि वे कठोर तपस्या और ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं। कैसे पड़ा मां का नाम ब्रह्मचारिणी? पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया था। नारद मुनि के कहने पर, उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की। इसी कठिन तपस्या के कारण उन्हें 'तपस्विनी' या 'ब्रह्मचारिणी' कहा जाता है। मां के इस रूप की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है, जो हमें समर्पण और दृढ़ संकल्प का पाठ पढ़ा...
पवन पुत्र हनुमान जी: उनके जन्म की अद्भुत कथा
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पवन पुत्र हनुमान जी: उनके जन्म की अद्भुत कथा

हनुमान जी का जन्म एक विशेष अवसर पर मनाया जाता है, जब भक्त अपने आराध्य से कृपा प्राप्त करने के लिए बड़े श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे हुआ पवन पुत्र हनुमान जी का जन्म और उनकी महानता के पीछे की कहानी। भगवान हनुमान की विशेषता हनुमान जी को अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान माना जाता है। उनकी कृपा से भक्तों की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। हनुमान जी को आठ चिरंजीवियों में से एक माना गया है, जो शक्ति और निर्भीकता के प्रतीक हैं। उनके सामने कोई भी बुरी शक्ति टिक नहीं पाती है। हनुमान जयंती का महत्व हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाता है। भक्त जन अपनी श्रद्धा के साथ हनुमान जी का स्मरण करते हैं और उनके प्रति अपने भाव व्यक्त करते हैं। पौराणिक कथा: भ...
हनुमान जी की कृपा पाने के आसान उपाय
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हनुमान जी की कृपा पाने के आसान उपाय

महाबली हनुमान जी की सच्चे मन से की गई पूजा से मनुष्य की हर वह मनोकामना पूरी हो जाती है, जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करता है। आज, 16 जुलाई मंगलवार है, और इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप मंगलवार के दिन कुछ आसान घरेलू उपाय करके हनुमान जी को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं। इन उपायों से हनुमान जी की कृपा आपके जीवन में बरसेगी, तो चलिए जानते हैं उनकी पूजा विधि। हनुमान जी का बलमहाबली हनुमान जी बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान चुटकियों में कर देते हैं। उनकी शक्तियों के आगे किसी का बस नहीं चलता। यदि आप सच्चे मन और साफ नीयत से हनुमान जी की पूजा करते हैं, तो आपके जीवन की सभी परेशानियाँ धीरे-धीरे दूर हो जाएँगी। शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से कई लाभ मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ विशेष उपाय। 1. सुंदरकांड का पाठ मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले या भगवा रंग के वस्...
हनुमान जी की कृपा से दूर हों सारे दुख: मंगलवार का महत्व और मंत्र
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हनुमान जी की कृपा से दूर हों सारे दुख: मंगलवार का महत्व और मंत्र

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से जीवन के सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अगर आप भी अपनी मनोकामना को पूरा करना चाहते हैं, तो इस दिन Hanuman Mantra का जाप कर सकते हैं। हनुमान जी के इन मंत्रों में अद्भुत शक्ति है, जो आपकी इच्छाओं को पूरा कर सकती है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए आप निम्नलिखित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं: सिंदूर: हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना विशेष शुभ माना जाता है। चंदन: चंदन की सुगंध से पूजा का वातावरण शुद्ध होता है। गुलाब: गुलाब के फूल भगवान को अर्पित करने से भक्ति बढ़ती है। तेल: दीये में तेल डालकर जलाने से पूजा की रौनक बढ़ती है। इसके बाद, एक दिया जलाकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके रुद्राक्ष की माला से 108 ...
गणेश चतुर्थी: बच्चों के लिए बप्पा के प्यारे नामों का चयन
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गणेश चतुर्थी: बच्चों के लिए बप्पा के प्यारे नामों का चयन

हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है और पूरे भारत में इसकी धूम देखने को मिलती है। अगर इस खास मौके पर आपके घर में नन्हा मेहमान आया है, तो आप उसके लिए भगवान गणेश के प्यारे नामों का चयन कर सकते हैं। गणेश चतुर्थी का महत्व गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश, जो बुद्धि और समृद्धि के देवता माने जाते हैं, को समर्पित है। इस दिन भक्त ganesh sthapana mantra के साथ उनकी मूर्ति घर में स्थापित करते हैं और सच्चे मन से ganesh puja mantra के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी, और भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। लड़कों के लिए गणेश जी के खूबसूरत नाम गणेश जी के नामों की एक लंबी सूची है, लेकिन यहाँ कुछ खास नाम दिए जा रहे हैं जो आपके बेटे के लिए सही हो सकते हैं: विनायक: यह नाम बप्पा क...
सुबह को शुभ बनाने के मंत्र: सफलता और शांति के लिए करें इन मंत्रों का जाप
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सुबह को शुभ बनाने के मंत्र: सफलता और शांति के लिए करें इन मंत्रों का जाप

सुबह को शुभ और सकारात्मक बनाने के लिए हमारे धर्म में कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण उपाय है मंत्रोच्चार। अगर आप भी सुबह-सुबह उठकर यह सोचते हैं कि ऐसा क्या किया जाए जिससे आपका पूरा दिन अच्छा गुजरे, तो यह लेख आपकी मदद करेगा। मंत्रों में अद्भुत शक्ति होती है और यही कारण है कि हिंदू धर्म में सुबह उठते ही मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है। माना जाता है कि इन मंत्रों के नियमित जाप से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की समस्याएं भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। आइए जानते हैं वे खास मंत्र जिन्हें सुबह उठते ही पढ़ने से जीवन में सफलता और शांति प्राप्त होती है। 1. कराग्रे वसते लक्ष्मी: कराग्रे वसति लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम। अर्थ:रोजाना सुबह आंखें खोलते ही सबसे पहले अपने हाथों की हथेलियों को देखना चाहिए और इस मंत्र ...