Badrinath Ji ki aarti : भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक

भगवान बद्रीनाथ जिन्हे की हम भगवान विष्णु का भी अवतार मानते हैं हमारे हिंदू धर्म के चार धाम में से यह एक है बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के बद्रीनाथ में स्थित है और हां इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी माना गया है आपको बता दे कि यहां पर हर साल ऐसे लाखों भक्त हैं जो कि भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए आते हैं बद्रीनाथ जी का जो मंदिर है वह हिमालय की ऊंचाई पर बसा हुआ है जहां की भव्यता और जो प्राकृतिक सुंदरता है उसे आप सब जैसे भक्तों को आकर्षित करता है अपनी ओर उनकी जो आती है उसको गाकर के आप सब भक्त भगवान विष्णु के प्रति जो आपकी श्रद्धा और भक्ति होती है उसको प्रकट करते हैं।

बद्रीनाथ जी की जो आरती है उसे आप सभी भक्तों को मानसिक शांति और आत्मिक संतोष भी प्रदान करता है यह जो आरती है वह आसान है और बहुत ही साधारण शब्दों में लिखा गया है जिससे कि आप सभी लोग इसे बहुत ही आसानी से गा सकते हैं यह जो आरती का पाठ है उसको करने से आप सभी भक्तों में अच्छी ऊर्जा का भी संचार होता है और हां आप अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि के लिए कामना भी कर सकते हैं नियमित रूप से अगर आप इस आरती का गण करते हैं तो भगवान की कृपा आपको प्राप्त होगी और हर प्रकार की आपको जो भी कठिनाई है उसका सामना करने के लिए भी मजबूत बना देता है तो इस प्रकार बद्रीनाथ जी की जो आरती है उसे आप सभी भक्त का एक सशक्त जरिया है जो कि आप सभी भक्तों को आस्था और विश्वास की एक मार्ग पर आगे बढ़ता है।

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आरती

पवन मंद सुगंध शीतल हेम मंदिर शोभितम्

निकट गंगा बहत निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् |

शेष सुमिरन करत निशदिन धरत ध्यान महेश्वरम् |

शक्ति गौरी गणेश शारद नारद मुनि उच्चारणम् |

जोग ध्यान अपार लीला श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् |

इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर धूप दीप प्रकाशितम् |

सिद्ध मुनिजन करत जै जै बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् |

यक्ष किन्नर करत कौतुक ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम् |

श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्|

कैलाश में एक देव निरंजन शैल शिखर महेश्वरम् |

राजयुधिष्ठिर करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् |

श्री बद्रजी के पंच रत्न पढ्त पाप विनाशनम् |

कोटि तीर्थ भवेत पुण्य प्राप्यते फलदायकम् |

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