बिहार में जमीन सर्वे से जुडे कुछ समय पहले ही है बहुत जरूरी फैसला सामने आया है जिसने की जमीन सर्वे पर रोक लगाने की उम्मीद लगा उनको निराश कर दिया गया था पटना के हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है जिसमें की जमीन सर्वे की प्रक्रिया को एक चुनौती दिया गया है उसे वापस ले लिया गया है इस याचिका के पीछे प्रथम वजह है और कोर्ट के जरिए दिया गया फैसला जो है उसको समझने के लिए लिए हम इस विषय पर विस्तार से बात करते हैं।
याचिका और उसकी वजह
पटना के हाईकोर्ट ने 18 सितंबर को एक याचिका दायर किया था जिसमें जमीन के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी जो याचिका करता अधिवक्ता है उन्होंने दावा किया है कि इस सर्वे की प्रक्रिया में कई खामियां हैं और इससे भविष्य में कहासुनी और भी समस्या बढ़ सकता है।
याचिका करता है उनका तर्क था कि सर्वे की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं अपनाई जा रही है जो कि यह कानूनी रूप से गलत है उनका यह भी कहना था कि अगर सर्वे जारी रहा तो जमीन से जुड़े जितने भी कहासुनी है वह बढ़ते रहेंगे जिससे कि आप लोग को आ जाएगा परेशानियां होगी उसका सामना करना पड़ेगा।
कोर्ट की टिप्पणी और याचिका की वापसी
इस मामले का जो सुनवाई है पटना के हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की बैच में हुआ है कोर्ट ने इस याचिका पर बहुत गहरी नजर डाली है और यह पाया है की याचिका में पर्याप्त क्षेत्र नहीं है याचिका में या साफ-साफ नहीं बताया गया था कि किन-किन कमियों के आधार पर सर्वे की प्रक्रिया को चुनौती दिया जा रहा है कोर्ट ने इस याचिका को कमजोर कड़ी से देखा है जो की याचिका करता को साफ-साफ कह दिया है कि बिना ठोस सबूत के आठ क्षेत्र के याचिका पर कोई ठोस कार्रवाई को नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद अधिवक्ता ने अपने याचिका को वापस ले लिया है इसके साथ ही आपके कोर्ट ने इस याचिका को खारिज भी कर दिया है जिसमें की जमीन सर्वे पर रोक लगाने के जो उम्मीद थी वह भी धूल गई मतलब खत्म हो गई है।
बिहार में जमीन सर्वे: एक ऐतिहासिक प्रक्रिया
क्या आपको पता है आपके बिहार में लगभग 100 साल बाद जमीन का सर्वे किया जा रहा है इस सर्वे का प्रथम उद्देश्य क्या है राज्य में जो भी भूमि से जुड़े का सुनी है उसको सुलझाना है और सरकारी रिकॉर्ड को अपडेट करना है जमीन का नक्शा, रजिस्टर और अन्य भूमि से जुड़े फाइल्स को फिर से सत्यापित और संशोधित करने का यह प्रयास किया जा रहा है।
हालंकि आपको बता दे इस प्रक्रिया में कई ऐसी चुनौतियां हैं भी सामने आई है आपने ऐसे ऐसे कई लोग होंगे जिसके पास पुराना नक्शा पास में होगा लेकिन कुछ स्थान पर यह भी देखा गया है कि नक्शा गायब है या फिर वह मिल नहीं रहा है इन सब की वजह से जमीन के जो मालिक है अपने जमीन के बारे में ही सही जानकारी को नहीं प्राप्त कर पाते हैं जिससे कि आपको बहुत परेशानी होती है।
ऑनलाइन भू नक्शा प्राप्त करने का तरीका
आपकी जमीन के नक्शे से जुड़े जितने भी समस्या है उसके समाधान के लिए बिहार के सरकार ने ऑनलाइन भू नक्शा को उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था किया है आप सब लोग जमीन का नक्शा अब ऑनलाइन ही डाउनलोड कर सकते हैं जिससे कि आपको पटवारी या अन्य अधिकारियों के पास बार-बार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसके लिए जाकर राज्य सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल कभी शुरूआत किया है जहां से कोई भी व्यक्ति अपने जमीन का नक्शा देख सकता है यह सुविधा आपके मोबाइल पर भी उपलब्ध है जिससे कि हर गांव और छोटे-छोटे कस्बों के लोग भी इस सेवा को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है जमीन सर्वे की जरूरत?
आपके बिहार में जमीन सर्वे का प्रथम उद्देश्य राज्य में बढ़ते हुए भूमि के कहासुनी को हल करना है ताकि आपके पुराने नक्शे जो है और रिकॉर्ड्स उसके अनुसार ऐसी कई जमीन के मालिक हैं जो की असमंजस की स्थिति में थे इसके अलावा कुछ ऐसे ही इलाके हैं जहां पर जमीन के सीमांकन में भी गड़बड़ियां सामने आ रही थी इस सर्वे के जरिए से सरकारी स सुनिश्चित करना चाहती है कि आप सभी के भूमि रिकॉर्ड और नक्शा अपडेट हो ताकि आपके भविष्य में किसी भी प्रकार के कहासुनी को टाला जा सके।
आपकी सरकार का कहना यह है कि इस सर्वे से जितने भी जमीन के मालिक हैं उनको जमीन की सही जानकारी मिलेगी और हम आसानी से अपने जमीन का फाइल भी प्राप्त कर सकते हैं इससे न केवल आप लोग की परेशानियां कम होगी बल्कि जमीन का कहासुनी भी काम होगा।
आगे की राह
जमीन के सर्वे को लेकर के या फैसला भले ही आप में से कुछ लोग को निराश करें लेकिन सरकार का यह प्रयास आपके बिहार के लिए एक बहुत बड़ा उपलब्धि हो सकता है अगर यह सर्वे सही तरीके से और बिना किसी भी रुकावट के पूरा होता है तो इससे आपके राज्य के भूमि रिकॉर्ड में भी सुधार आएगा और जमीन से जुड़े जितने भी कहासुनी है उसको भी सुलझाने में मदद मिलेगा।
सोलंकी इस प्रक्रिया में खुलापन और न्याय संगत व्यवस्था को भी सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है आपकी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की सर्वे की प्रक्रिया कानूनी और निष्पक्ष हो ताकि जमीन के किसी भी प्रकार के कहासुनी की संभावना न रहे।
इसके अलावा आप लोग को इस सर्वे का महत्व और प्रक्रिया के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है आपको यह भी पता है जा जाना चाहिए कि इस सर्विस से आपके भूमि का सही जानकारी आपको प्राप्त होगा और क्या आपके भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।