धनतेरस से भाई दूज तक: दिवाली 2024 का पूरा कैलेंडर और शुभ मुहूर्त

दिवाली डेट 2024 दीपावली का जो पर्व है जिससे कि हम दीप उत्सव के नाम से भी जानते हैं हमारे भारत का सबसे प्रमुख और यह खास त्यौहार होता है इस पर्व की जो शुरुआत होती है वह धनतेरस से होती है और यह त्यौहार भाई दूज तक मनाया जाता है जो 2024 में दिवाली का या महापर्व 29 अक्टूबर से लेकर के 3 अक्टूबर तक चलने वाला है जिस्म की हर एक दिन का अपना अपना खास महत्व होता है और पूजा विधि भी होता है इस समय में देश भर में रोशनी मिठाई और उत्सव की धूम रहती है आप लोग नए-नए वस्त्र भी पहनते हैं अपने घर को सजाते भी हैं और मां लक्ष्मी के पूजा को भी करते हैं ताकि आपके घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहे।

धनतेरस से या पर्व शुरू होता है और हर एक दिन का खास महत्व भी होता है 29 अक्टूबर को इस बार धनतेरस है जैसे की खास तौर पर धन संपत्ति और स्वास्थ्य से इसे हम जोड़ते हैं। इस दिन अगर आप कोई भी सामान सोना चांदी या फिर बर्तन को खरीदने हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है धनतेरस के बाद छोटी दीवाली ,दिवाली , गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक या उत्सव चलता है हर एक दिन के लिए शुभ मुहूर्त भी होता है और पूजा की विधि भी अलग-अलग होती है जिनका पालन करने से आपके जीवन में खुशहाली और संपन्नता आती है।

धनतेरस 2024: शुभ मुहूर्त में खरीदारी का महत्व

दिवाली डेट 2024 दीप उत्साह की जो शुरुआत है वह 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन से होगा इस दिन को धन और आरोग्य के देवता जो भगवान धन्वंतरि हैं उनके जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की जो त्रयोदशी तिथि है उसे दिन धनतेरस का पर्व मनाने की परंपरा है इस दिन प्रदोष व्यापिनीय त्रयोदशी तिथि में अगर आप बर्तन या फिर कोई भी चीज सोना चांदी, गहना और इलेक्ट्रॉनिक का कोई भी सामान खरीदते हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार धनतेरस पर खास रूप से प्रदोष काल में जो भी आप खरीदारी करेंगे वह बहुत ही शुभ और फलदाई है आपके लिए या मानता है कि इस दिन अगर आप कोई भी चीज खरीदने हैं तो वस्तुएं घर में समृद्धि और स्वास्थ्य को लेकर आता है इसीलिए इस दिन आप लोग के बीच बर्तन और गहने और अन्य धातु से जुड़े वह कोई भी चीज खरीदारी का जो उत्साह है वह आप लोग के चेहरे पर देखने लायक होता है खास तौर पर जो धातु से बना हुआ या फिर मिट्टी का जो कलश होता है उसको खरीदना बहुत ही शुभ मानते हैं इस दिन इस चीज को तो खरीदना ही चाहिए।

छोटी दिवाली 2024: नरक चतुर्दशी का महत्व

धनतेरस के अगले ही दिन 30 अक्टूबर को नकट चतुर्दशी या फिर छोटी दीवाली मनाई जाती है तब मनाई जाएगी इस दिन का जो धार्मिक महत्व है यह है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक एक राक्षस था जिसका उन्होंने वध किया था जिससे कि आप लोग को नर्क से मुक्ति मिली थी उसे दिन इसीलिए इस नरक चतुर्दशी भी कहते हैं इस दिन हनुमान जी की भी पूजा का बहुत ही खास महत्व है क्योंकि ऐसा मानता है कि हनुमान जी ने इसी दिन भगवान राम को लंका से वापस आने पर उनका स्वागत किए थे इसीलिए यह दिन भी खास है।

महालक्ष्मी पूजा 2024: धन और समृद्धि की देवी का आशीर्वाद

इस साल का जो महालक्ष्मी पूजा है वह 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा दीपावली का या सबसे जरूरी दिन है जिस की अमावस्या की रात के समय मानते हैं इस दिन आप लोग अपने घर की साफ सफाई भी करते हैं और मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं ताकि आपके घर में धन और समृद्धि का वास हो सके इस दिन आप माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की जो पूजा है वह विधि पूर्वक करें जिस की मां लक्ष्मी खुश होकर के आपके घर में प्रवेश करेंगे और मां का आशीर्वाद आपको मिलेगा।

See also  नवरात्रि 2024: महागौरी माता की पूजा का महत्व और विधि

आप सब लोग इस समय में अपने-अपने घर को दीपक से रंगोली और फूलों से सजा देते हैं और परिवार के साथ मिलकर के पूजा भी करते हैं या माना जाता है कि इस दिन को जो पूजा है उसे मां लक्ष्मी बहुत ही खुश हो जाते हैं और आपके घर में सुख समृद्धि का भी आशीर्वाद दे देती है इसीलिए आप पूजा को विधि पूर्वक और मन लगा करके करें।

गोवर्धन पूजा 2024: प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक

गोवर्धन पूजा इस साल का जो यह पूजा है वह 2 नवंबर को मनाया जाने वाला है यह पर्व भगवान कृष्ण ने जो गोवर्धन पर्वत को अपने एक उंगली पर उठाया था इस घटना से या जुड़ा हुआ है भगवान कृष्ण ने यह एक बहुत बड़ा महान काम इंद्रदेव के प्रकोप से अपने गोकुल वासियों को बचाने के लिए किए थे इस दिन आप लोग भगवान कृष्ण को गोवर्धन पर्वत की पूजा को अर्पित करेंगे और इस दिन को अन्नकूट के रूप में भी मानते हैं अलग-अलग प्रकार के पकवान भी बनते हैं दिन और भगवान को अर्पित किए जाते हैं और फिर आप सब पूरे परिवार मिलकर के एक साथ भोजन भी करेंगे।

भाई दूज 2024: भाई-बहन के प्रेम का पर्व

दीप उत्सव मतलब दिवाली का आखिरी दिन होता है भाई दूज का पर्व मनाया जाता है जो कि इस साल 3 नवंबर को पड़ रहा है भाई दूज का पर्व यह है कि भाई बहन के प्रेम का प्रतीक मानते हैं इसे इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका लगा करके उनकी लंबी उम्र के लिए और समृद्धि के लिए कामना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उनकी रक्षा का भी वचन देता है यह जो परम है भाई बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते की डोर को और भी ज्यादा मजबूत कर देता है यह पर्व।

दीपोत्सव का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

दीपोत्सव का जो पर्व है हमारे भारत में न केवल धार्मिक नजरिए से जरूरी है बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक माना गया है या जो पर्व है अंधकार पर प्रकाश का विजय है अज्ञान पर आज्ञा का विषय है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है या जो दीप उत्सव है उसे समय आप सबके घर में गली-गली मोहल्ले दीप से जगमगाता रहता है जिससे कि अच्छी सोच और खुशी का माहौल बना रहता है।

पूजा के शुभ मुहूर्त और जरूरी सामान

धनतेरस और दिवाली पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल का जो शुभ मुहूर्त है वह कुछ इस प्रकार है।

  • धनतेरस पर प्रदोष कालीन स्थिर लग्न में आप बर्तन धातु और सोने चांदी का कोई भी समान आप खरीद सकते हैं।
  • महालक्ष्मी का जो पूजा का शुभ मुहूर्त है वह 31 अक्टूबर को शाम के समय में है जब अमावस्या का समय होगा इस समय माता लक्ष्मी की पूजा करने से आपके घर में सुख समृद्धि का वास होगा।
  • गोवर्धन पूजा के दिन अंकुर की तैयारी करके आप भगवान को अर्पित करेंगे और परिवार के साथ मिलकर के भोजन को भी करेंगे।

दीपोत्सव की तैयारियाँ: घर और दिलों की सफाई

दीपावली के समय आप सब अपने घर की सफाई का खास ध्यान देते हैं इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है आप लोग अपने घरों को धूल गंदगी से मुक्त करते हैं और इसे ठीक तरीके से सजाते हैं ताकि माता लक्ष्मी का आपके घर में वास हो सके इस पर्व का एक और जरूरी पहलू है जो की दिलों की सफाई है यह पर्व हमें यह भी सीखना है कि आप अपने मन से गलत सोच को और अहंकार को हटा करके अच्छी सोच और प्रेम का दीपक मन में जलाएं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *