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तलाई वाले बालाजी मंदिर: 22 साल का इंतजार और भक्तों की अटूट आस्था
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तलाई वाले बालाजी मंदिर: 22 साल का इंतजार और भक्तों की अटूट आस्था

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित तलाई वाले बालाजी मंदिर, हनुमान जी के अद्वितीय मंदिरों में से एक है। यहां भक्तों को हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए 1 या 2 साल नहीं, बल्कि पूरे 22 साल तक इंतजार करना पड़ता है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है, और यहाँ आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है। तलाई वाले बालाजी मंदिर का इतिहास और नामकरण तलाई वाले बालाजी मंदिर का इतिहास भले ही प्राचीन हो, लेकिन इसके निर्माण की सही जानकारी नहीं मिल पाई है। इस मंदिर का नाम "तलाई वाले बालाजी" क्यों पड़ा, इसका संबंध यहां की भूमि से है। पहले इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति खुले चबूतरे पर स्थापित थी और मंदिर के पास एक तलाई (छोटा तालाब) हुआ करता था। इस तलाई की वजह से ही मंदिर का नाम "तलाई वाले बालाजी" पड़ गया। 22 साल का इंतजार: भक्तों की अपार श्रद्धा इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है क...
सितंबर 2024 में लगेगा साल का आखिरी चंद्रग्रहण: जानिए सुपर हारवेस्ट मून और सूतक काल से जुड़ी खास बातें
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सितंबर 2024 में लगेगा साल का आखिरी चंद्रग्रहण: जानिए सुपर हारवेस्ट मून और सूतक काल से जुड़ी खास बातें

सितंबर 2024 में साल का आखिरी चंद्रग्रहण होने वाला है, जो पितृपक्ष के दौरान लगेगा। यह ग्रहण खास होने के साथ-साथ आंशिक भी होगा, और इसे 'सुपर हारवेस्ट मून' कहा जा रहा है। नासा के अनुसार, यह चंद्रग्रहण 18 सितंबर को लगेगा और अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। हालांकि, यह भारत में नहीं दिखेगा, जिसके कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। आइए, इस चंद्रग्रहण से जुड़ी खास बातें जानें। चंद्रग्रहण की तारीख और समय इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि होगी, और उस समय पूर्वभद्रपद नक्षत्र रहेगा। यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा और भारत के समय के अनुसार, सुबह 6:11 बजे से शुरू होगा और 10:17 बजे समाप्त हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 6 मिनट की होगी। हालाँकि, यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलि...
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग: एक अनोखी शिव-पार्वती की पूजा
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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग: एक अनोखी शिव-पार्वती की पूजा

जब हम किसी शिव मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं, तो अक्सर भगवान शिव ही पूजा के केंद्र में होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा ज्योतिर्लिंग भी है, जहां भगवान शिव के साथ मां पार्वती की भी पूजा होती है? इस ज्योतिर्लिंग का नाम है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग। यह आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है और भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस पवित्र स्थल की विशेषता यह है कि यहां भगवान शिव और मां पार्वती दोनों की एक साथ पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा और रोचक जानकारी। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का अर्थ और महत्व 'मल्लिकार्जुन' शब्द दो भागों से मिलकर बना है – 'मल्लिका', जिसका अर्थ है मां पार्वती, और 'अर्जुन', जिसका अर्थ है भगवान शिव। इस नाम से ही यह स्पष्ट होता है कि यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव और मां पार्वती दोनों का प्रतीक है। यहां दोनों देवताओं की प...
गणेश चतुर्थी 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र, जानें इस साल के खास योग
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गणेश चतुर्थी 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र, जानें इस साल के खास योग

गणेश चतुर्थी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस महापर्व का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। इस साल 07 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। पूरे देश में गणपति बप्पा की स्थापना की जाएगी और 10 दिनों तक उत्सव मनाया जाएगा। गणेश उत्सव के इस पावन अवसर पर घरों और पंडालों में गणेश मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। आइए जानते हैं इस पर्व का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भगवान गणेश के खास मंत्रों के बारे में। गणेश चतुर्थी का महत्व गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश जी को 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है, यानी जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं। भगवान गणेश को किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले पूजा जात...