भारी बारिश से उत्तर और पूर्वी भारत के राज्यों में बाढ़ का संकट ,पश्चिम बंगाल और झारखंड में बाढ़ की स्थिति


ममता बनर्जी के सलाहकार अलपन बंद्योपाध्याय ने जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। दक्षिण बंगाल में गंगा तट पर बने गहरे दबाव के कारण सप्ताहांत और सोमवार को लगातार बारिश हुई, जिससे पानी का स्तर बढ़ गया। साथ ही, डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) ने दामोदर नदी पर बने पंचेत बांध और बराकर नदी पर बने मैथन बांध से पानी छोड़ा, जिससे जल स्तर और अधिक बढ़ गया। इसका प्रभाव हावड़ा, हुगली, बीरभूम, पश्चिम मिदनापुर, पूर्वी मिदनापुर, झारग्राम, बांकुरा, पुरुलिया, पश्चिम बर्दवान और पूर्वी बर्दवान जिलों में साफ़ देखा जा सकता है। मौसम प्रणाली के झारखंड की ओर बढ़ने से वहां भी बारिश का सिलसिला जारी है।

हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण रास्ते बंद


हिमाचल प्रदेश में बारिश से उत्पन्न समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं। बारिश के कारण राज्य में कुल 54 सड़कों पर यातायात बाधित है और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, आगामी दिनों में और अधिक आंधी और बिजली गिरने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने छह जिलों में ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। हालाँकि, राज्य में सोमवार शाम से मौसम शुष्क रहा, लेकिन बैजनाथ और डलहौजी में थोड़ी बहुत बारिश हुई है।

उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिले


उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि राज्य के 24 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, फतेहपुर और रायबरेली जिलों में डूबने से यह मौतें हुईं। राज्य में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा नदी कछला ब्रिज (बदायूं), गाजीपुर, बलिया और फतेहगढ़ में अपने खतरे के निशान को पार कर चुकी है। घाघरा नदी का जलस्तर भी एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), तुर्तीपार (बलिया) और अयोध्या में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

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