हम सभी कभी-कभी गुस्से या हताशा में ऐसी प्रतिक्रियाएं दे देते हैं जो हमारे रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यह प्रतिक्रियाएं हमारे पार्टनर, दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ हमारे रिश्ते को खराब कर सकती हैं। बार-बार ऐसा होने से हमारे करीबी लोग हमसे दूर हो सकते हैं। इसलिए, इन गलत प्रतिक्रियाओं के प्रति सचेत रहना और इन्हें नियंत्रित करना बेहद ज़रूरी है, ताकि हमारे महत्वपूर्ण रिश्ते सुरक्षित रह सकें।
गलत प्रतिक्रियाएं जो अक्सर गुस्से और हताशा में होती हैं
- बहस के दौरान चिल्लाना: जब हम बहस के दौरान चिल्लाते हैं, तो इससे सामने वाले व्यक्ति को डर या ठेस पहुंच सकती है। चिल्लाना समस्या का हल नहीं है, बल्कि इससे स्थिति और भी खराब हो सकती है, जिससे रिश्ते को सुधारना मुश्किल हो जाता है।
- साइलेंट ट्रीटमेंट देना: जब हम परेशान होते हैं तो बात नहीं करना स्वाभाविक है, लेकिन अपने पार्टनर को अनदेखा करने से वे अकेला और भ्रमित महसूस कर सकते हैं। इससे समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि आपके पार्टनर को आपसे दूर कर सकता है। ऐसे समय में अपनी परेशानियों के बारे में खुलकर बात करना बेहतर रहेगा।
- फीडबैक मिलने पर रक्षात्मक प्रतिक्रिया करना: जब आपका पार्टनर आपको फीडबैक देता है, तो रक्षात्मक होने की बजाय उसे ध्यान से सुनना चाहिए। रक्षात्मक प्रतिक्रिया से समस्याओं का समाधान नहीं होता और सामने वाले को ऐसा महसूस हो सकता है कि आप उनकी राय की परवाह नहीं करते।
- पिछली गलतियों का जिक्र करना: नई बहस के दौरान पुरानी गलतियों को सामने लाना रिश्ते को और भी बिगाड़ सकता है। इससे आपका पार्टनर बुरा महसूस कर सकता है और वर्तमान मुद्दा और बढ़ सकता है, जिससे संबंधों में खटास आ सकती है।
- भावनाओं के लिए पार्टनर को दोष देना: अपने गुस्से और दुख के लिए अपने पार्टनर को जिम्मेदार ठहराना उन्हें दोषी महसूस कराता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और दूसरों को दोष देना इसका समाधान नहीं है।
- छोटी-छोटी समस्याओं पर ज्यादा प्रतिक्रिया देना: छोटी-छोटी बातों पर अत्यधिक प्रतिक्रिया देना रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है। इससे पार्टनर को ऐसा लग सकता है कि वे कभी सही नहीं कर सकते, जो रिश्ते को और भी मुश्किल बना सकता है।
- गलतियों के बाद माफी मांगने से इनकार करना: जब हम अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते हैं, तो इससे सामने वाले की भावनाओं को ठेस पहुंचती है और विश्वास टूट सकता है। माफी मांगना रिश्ते को सुधारने में मदद करता है और दिखाता है कि आप अपनी पार्टनर की परवाह करते हैं।
अपनी प्रतिक्रियाओं को कैसे बदलें?
रिलेशनशिप थेरेपिस्ट और कोच कस्तूरी के अनुसार, अपनी भावनाओं को नियंत्रित करके आप अपनी प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। जब आप शांत रहते हैं, तो आप सोच-समझकर प्रतिक्रिया दे सकते हैं और आवेग से बच सकते हैं। भावनात्मक विनियमन से आप समस्याओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं और संचार में सुधार कर सकते हैं। इससे आपके रिश्ते में जुड़ाव बढ़ेगा और आपका रिश्ता मजबूत होगा, क्योंकि आपकी प्रतिक्रियाएं समझदारी पर आधारित होंगी, न कि आवेग पर।
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