जीण माता की आरती देवी माँ जीण माता के प्रति भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का एक जरुरी जरिया है। जीण माता को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है, जिनकी पूजा विशेष रूप से राजस्थान और उत्तर भारत में होती है। ऐसा माना जाता है कि जीण माता अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करती हैं और उन्हें हर संकट से सुरक्षित रखती हैं। उनकी आरती के दौरान भक्त माँ का स्मरण कर उनकी कृपा पाने की प्रार्थना करते हैं। आरती में माता की महिमा और उनके अद्भुत गुणों का वर्णन होता है, जिससे श्रद्धालुओं के मन को शांति और आत्मबल की अनुभूति होती है।
जीण माता की आरती भक्तों को एक आंतरिक ऊर्जा और अच्छाई का अनुभव कराती है। आरती का गायन विशेष उत्सवों और नवरात्रि के दिनों में विशेष रूप से किया जाता है, जब भक्त बड़ी संख्या में माता के मंदिरों में दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। आरती के दौरान घंटियों की ध्वनि और मंत्रों का उच्चारण भक्तों के मन को शांत करता है और उन्हें आध्यात्मिक रूप से जागृत करता है। इस प्रकार, जीण माता की आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है, जो भक्तों के मन में भक्ति और श्रद्धा की भावना को और गहरा करती है।
आरती
ॐ जय श्री जीण माता, जय श्री जीण माता।
जो ध्यावत जग झंझट, उसका कट जाता
|| ॐ जय||
रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि न्यारी।
सिर पर छत्र लसत है, राजत महतारी
|| ॐ जय||
कर कंगन, मुख बेसर, गल माला सोहे।
मस्तक बिंदिया दमके, मुनि जन मन मोहे
|| ॐ जय||
उमा रमा है तू ही, ही ब्रह्माणी।
सिंह वाहिनी तू ही, महिमा जग जानी
|| ॐ जय||
झांझ मृदंग नगारों की ध्वनि अति प्यारी।
दर्शन कर मैया के हर्षित नर नारी
|| ॐ जय ||
जय अम्बे महामाया, जय मंगल करणी।
वरदायिनी जय जननी, जय जय अघ हरणी
|| ॐ जय ||
जो भी इस आरती को प्रेम सहित गावे।
कहे चिरंजी वो निश्चय सुख सम्पत्ति पावे
||ॐ जय||
Neha Patel is a content and news writer who has been working since 2023. She specializes in writing on religious news and other Indian topics. She also writes excellent articles on society, culture, and current affairs.