सोनभद्र: अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेंद्र यादव ने बुधवार को महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और महिलाओं को सरकार व न्यायपालिका द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं व विधिक अधिकारों की जानकारी दी।
निरीक्षण के दौरान
- केंद्र प्रबंधक दीपिका सिंह समेत अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
- केंद्र में नवजात शिशु दुर्गा (6 माह 3 दिन), शिशु सूर्यांश (9 दिन), आर्यन (5 वर्ष), आंचल (9 वर्ष) और पार्वती (6 वर्ष) सहित कई बच्चे आवासित पाए गए।
- न्यायाधीश यादव ने उनकी देखरेख, खान-पान व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
- साफ-सफाई और पंजिका की स्थिति संतोषजनक पाई गई।
महिला हितों पर जानकारी
वन स्टॉप सेंटर के स्टाफ को निम्न अधिनियमों के संबंध में जागरूक किया गया:
- नैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956
- घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम
- दहेज प्रतिषेध अधिनियम
- मातृत्व लाभ अधिनियम (26 सप्ताह तक)
- कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम
- लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO)
- लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994
- समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976
- महिलाओं का अशिष्ट चित्रण निषेध अधिनियम
- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956
मध्यस्थता अभियान पर जोर
न्यायाधीश ने स्टाफ को निर्देश दिया कि 1 जुलाई से 30 सितम्बर 2025 तक चल रहे “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान” के तहत विभिन्न स्थानों पर जागरूकता शिविर लगाएं।
इसके अंतर्गत निम्न विवादों का निस्तारण मध्यस्थता के माध्यम से करने पर बल दिया गया:
- वैवाहिक विवाद
- दुर्घटना दावा
- घरेलू हिंसा
- चेक बाउंस
- वाणिज्यिक विवाद
- सेवा संबंधी मामले
- उपभोक्ता विवाद
- ऋण वसूली, विभाजन, बेदखली, भूमि अधिग्रहण एवं अन्य सिविल वाद
अपर जिला जज शैलेंद्र यादव ने कहा कि अधिकाधिक मामलों का समाधान मध्यस्थता के जरिए कराया जाए, ताकि समाज में न्याय और सौहार्द का वातावरण स्थापित हो सके।

Author: Ujala Sanchar
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