करवा चौथ 2024: जानें व्रत का महत्व और करवा बदलने की सरल विधि

करवा चौथ 2024 एक ऐसा त्यौहार है जिससे की खास करके शादीशुदा औरतें बड़े ही धूमधाम रहते हैं इस दिन आप सब महिला अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए निर्जल व्रत रखती है करवा चौथ का जब व्रत है हर साल कार्तिक मास की जो कृष्णा पक्ष की जो चतुर्थी है इस समय मनाया जाता है जो कि इस साल का करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को पड़ा है इस दिन आप सब शादीशुदा वाली जितनी भी औरतें हैं सुबह-सुबह जल्दी से उठ करके सबसे पहले स्नान करेंगे और फिर दिन भर व्रत को रख करके आप रात के समय में चंद्रमा की पूजा को करेंगे पूजा के समय आपको पारंपरिक वस्त्र भी पहनना है और साथ में 16 श्रृंगार को करके करवा माता की पूजा और आराधना को करना है।

करवा चौथ पर करवा बदलने की भी एक विधि है जो की बहुत ही जरूरी है इस दिन आप सब औरतें अपने कड़वे को एक दूसरे के साथ बदलता है जिससे कि उनकी भक्ति और जो प्यार है उसका प्रतीक है करवा बदलने का जब प्रक्रिया है उसके समय आप सब औरत में खास ध्यान भी देते हैं किया जो विधि है सही-सही तरीके से पूरा हो सके तो लिए आज हम इस लेख में करवा चौथ के व्रत महत्व और करवा बदलने का जो आसान विधि है उसके बारे में अच्छे तरीके से जानते हैं ताकि आप सब सुहागिन औरतें इस पर्व को और भी ज्यादा खास बना सके।

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ 2024 का जो पर्व है वह हमारे भारत में जितनी भी शादीशुदा महिला है मतलब कि आप सबके लिए बहुत ही जरूरी है इस दिन का इंतजार आप सब लोग करते हैं अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए इस दिन निर्जल व्रत को करते हैं या मृत खास करके उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है और इसकी एक खास परंपरा है जो की बहुत पहले से सदियों से चला रहा है इस साल का जो करवा चौथ का व्रत है वह 20 अक्टूबर 2024 को आप सब मनाएंगी।

करवा चौथ की तैयारी

आपका जो करवा चौथ का व्रत है उसके लिए पहले से ही तैयारी आप शुरू कर देती हैं आप सब लोग इस दिन के लिए खास पूजा सामान को भी इकट्ठा करती है इस दिन आप सब औरतें सुबह-सुबह जल्दी से उठकर के स्नान कर लेती हैं और फिर दिन भर व्रत रखती है जब शाम को चांद निकल आता है तब उसकी पूजा करती है पूजा में सोलह सिंगार श्रृंगार करके आप माता करवा, भगवान शिव, देवी गौरी,गणेश जी और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करती है इन सभी लोगों का भी बहुत ज्यादा महत्व है पूजा करने का।

करवा चौथ की पूजा विधि

करवा चौथ की इस पूजा की जो विधि है इसमें कई ऐसी जरूरी कदम शामिल है यहां पर हम अच्छे तरीके से जानेंगे कि इस दिन की पूजा को कैसे आप कर सकती हैं और करवा को किसके साथ बदल सकती है।

पूजा का समान

करवा चौथ की पूजा के लिए निम्नलिखित समान की जरूरत होती है:

  1. सबसे पहले आपको करवा लेना है वह मिट्टी का हो या पीतल का हो।
  2. फिर इसके बाद आपको पूजा के लिए थाली को लेना है।
  3. इन दोनों चीज को लेने के बाद आपको दीपक भी लेना है।
  4. फिर इसके बाद रोली, अक्षत और कुमकुम लेना है।
  5. अनाज में चावल या फिर गेहूं को लेना है।
  6. साथ में मिठाई और फल को भी लेना है।
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पूजा की प्रक्रिया

1. स्नान और शुद्धता: सबसे पहले तो आपको स्नान करके शुद्ध होना है और तैयार होना है।

2. पूजा स्थान तैयार करना: आपको पूजा के लिए एक चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाना है फिर इसके ऊपर करवा माता की फोटो को रख देना है।

3. दीपक जलाना: करवे के ऊपर आपको दीपक जला के रखना है उसे प्रज्वलित करके।

4. पूजा समान रखना: करवा पर रोली, अक्षत और कुमकुम से भी पूजा करना है आपको।

5. करवा का बदलना: इस दिन के हिस्से में से एक है सबसे जरूरी हिस्सा होता है करवा को बदलना।

 करवा चौथ पर करवा कैसे और किसके साथ बदला जाता है?

करवा चौथ पर करवा को बदलने की जो परंपरा है वह बहुत ही खास महत्व रखती है इसे हम अलग-अलग तरीके से भी कर सकते हैं तो यहां पर जानिए कि कैसे और किसके साथ करवा को बदल सकते हैं।

 करवा बदलने की विधि

करवा बदलने के लिए आपको दो काव्य की जरूरत होगी एक करवा देवी गौरी के नाम पर होगा और जो दूसरा करवा है वह खुद के नाम पर रखेंगे आप इसे बदलने के लिए आप अलग-अलग विधि को अपना सकते हैं।

1. करवा की स्थापना: सबसे पहले तो आपको चौकी पर थोड़ा सा अनाज रख करके करवे को स्थापित कर देना है।

2. दीपक जलाना: करने के ऊपर आपको दीपक को जला करके रखना है।

3. पूजा समान से पूजा करें: करवे पर आपको रोली, अक्षत और कुमकुम से भी पूजा करना है।

4. करवे को पकड़ना: आपको दोनों हाथों को क्रॉस करते हुए दोनों करवा को हाथ में पकड़ना है।

 5. जय मां करवा का जाप: “जय मां करवा” का जाप करते हुए आपको करवा बदलना है।

6. करवे का फेरना: करवे को आप सात बार फेरे और इस बात को ध्यान में रखा की करवा आपस में बिल्कुल भी नही टकराना चाहिए।

7. अखंड सौभाग्य का वरदान: इस प्रक्रिया के समय देवी पार्वती से अखंड सौभाग्य रहने के लिए आप वरदान मांग सकते हैं।

एक-दूसरे के करवे बदलना

करवा चौथ पर केवल देवी गौरी के काव्य के साथ ही नहीं बल्कि यह आप सब शादीशुदा महिला के साथ भी करवा को बदल सकते हैं आप अपनी सास देवरानी या फिर जेठानी के साथ भी करवे को बदल सकते हैं इस प्रक्रिया में अगर वो भी करवा चौथ का व्रत रखते हैं तो आपस में करवे का आदान-प्रदान आप कर सकते हैं मतलब अगली बदल कर सकते हैं हेर फेर।

करवा चौथ का सामाजिक पहलू

करवा चौथ का जो व्रत होता है वह एक व्रत ही नहीं होता है बल्कि या एक सामाजिक समारोह भी होता है जो कि आप सब औरत इस दिन इकट्ठा होकर के एक दूसरे से बातचीत करती हैं एक दूसरे को मिठाई और नाश्ता भी खिलाती हैं इस दिन को मनाने का एक और भी पहलू है यही कि परिवार और रिश्ते को भी मजबूत करने का अवसर इस दिन रहता है।

व्रत का महत्व

करवा चौथ का व्रत केवल पति की लंबी उम्र के लिए ही नहीं होता है बल्कि यह हमारे भारतीय परंपरा और संस्कृति का भी प्रतीक होता है इस दिन आप सब महिलाएं अपनी शक्ति और भक्ति को प्रकट करते हैं जिससे कि यह पर्व और भी ज्यादा खास बन जाता है।

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