वाराणसी: मदनपुरा के गोर चबूतरा स्थित वर्षों से बंद पड़े पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है। सनातन रक्षक दल ने जिलाधिकारी एस राजलिंगम को ज्ञापन सौंपकर मंदिर में पूजा-अर्चना की मांग की। दावा किया गया कि मदनपुरा प्राचीन काशी का पहला मुहल्ला है। राजा मदनपाल ने इसे बसाया था।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने डीएम को दिए पत्रक में दावा किया कि प्राचीन काल में काशी के हरिकेश-वन में विद्यमान देवी-देवताओं के रक्षार्थ राजा मदनपाल ने काशी के प्रथम मुहल्ला को विकसित किया था। इसे मदनपुरा के नाम से जाना जाता है।
बताया कि उक्त गोलचबूतरा, मदनपुरा स्थान में अवस्थित देवलिंग और देवतीर्थ के वर्णन में काशीखण्ड के अध्याय 97 में किया गया है। लिखा है कि पुष्पदन्तेश्वर से अग्निकोण पर देवता और ऋषिगण के स्थापित बहुतेरे लिंग विराजमान हैं। उक्त पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर हैं। यदि कोई उनकी पंचोपचार से पूजा करे, तो उसे वे स्वप्न में परमसिद्धि को बता देते हैं।
वहीं समीप में सिद्धतीर्थ कूप भी विद्यमान है (जिसे लोग गोल चबूतरा बोलते वह सिद्धकूप / सिद्धतीर्थ है।) इसी स्थान समीप भवन में सिद्धकाली भी विराजमान हैं। जिसे आस पास के लोगों या पुराने हिन्दू बुजुर्गों द्वारा चांद बाबा के भवन में बताया जाता हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी से काशी में स्थान की प्रधानता को दृष्टिगत रखते हुए वर्षों से बन्द और अर्चन पूजन से वंचित सिद्धीश्वर महादेव के मन्दिर में काशीवासियों को काशी विद्वत् परिषद के विद्वानों सहयोग से अर्चन पूजन आरम्भ करवाने तथा इस क्षेत्र में अवस्थित अन्य पौराणिक स्थलों के उद्धार करवाने की अनुमति प्रदान करने की मांग की।
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