नई दिल्ली: इस साल 21 सितंबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए देश में सूतक काल लागू नहीं होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, ग्रहण दिखाई न देने के कारण भारत में इस दिन से जुड़े धर्म-कर्म पूरे दिन किए जा सकते हैं। यह दिन पितृ पक्ष के समाप्ति का प्रतीक भी है।
सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर किए जाने वाले शुभ कार्य:
- पितरों के लिए धूप-ध्यान करें।
- दान-पुण्य करें: अनाज, वस्त्र, धन या बच्चों के लिए शिक्षा सामग्री दान करें।
- गौशाला में दान करें और गायों को हरी घास खिलाएं।
- पवित्र नदियों में स्नान की परंपरा; यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और श्रीकृष्ण का अभिषेक करें।
- पीपल और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और मंत्रों का जप करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और दीपक जलाएं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्र और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आते हैं, और चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक आने से रोक देता है। शास्त्रों में इसे राहु और केतु से जुड़ा माना जाता है।
इस साल ग्रहण न्यूजीलैंड और पश्चिमी अंटार्कटिका में रात 11 बजे से 3.24 बजे तक दिखाई देगा।

Author: Ujala Sanchar
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