वाराणसी: इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस) बीएचयू (BHU) में एम्स जैसी सुविधाओं की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्वविद्यालय के बीच नए सिरे से समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप दिया गया है। इस संबंध में 22 नवंबर को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की उपस्थिति में बैठक आयोजित की जाएगी।
छह साल पुरानी योजना को मिलेगी गति
पांच अगस्त 2018 को बीएचयू के केएन उडुप्पा सभागार में स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के बीच एमओयू किया गया था। इसमें आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधाएं विकसित करने की घोषणा की गई थी। हालांकि, छह साल बीतने के बावजूद पूर्ण सुविधाएं नहीं मिल सकीं। केवल कुछ नए विभाग और सेवाओं की शुरुआत हुई, लेकिन एम्स जैसी संपूर्ण सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की सक्रिय भागीदारी की कमी महसूस की जा रही थी।
नए एमओयू की प्रक्रिया
आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने बताया कि सितंबर में दो बार दिल्ली में बैठकें हुईं, लेकिन एमओयू को मंजूरी नहीं मिल सकी। अब सभी आवश्यक कागजी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। बीएचयू के वरिष्ठ अधिकारी और निदेशक दिल्ली की बैठक में भाग लेने के लिए तैयार हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस बार महत्वपूर्ण फैसला लिया जाएगा।
मरीजों की सुविधाओं में होगा इजाफा
नए एमओयू के लागू होने के बाद आईएमएस बीएचयू में स्वास्थ्य मंत्रालय की सक्रिय भागीदारी होगी, जिससे एम्स जैसी उन्नत सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे मरीजों को बेहतर इलाज और सुविधाएं प्राप्त होंगी। प्रो. एसएन संखवार के अनुसार 22 नवंबर की बैठक में एमओयू की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। इसके बाद आईएमएस में मरीजों की सुविधाएं बढ़ेंगी और एम्स जैसी सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
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