गाजीपुर: हरियाली अमावस्या के अवसर पर मरदह स्थित माता तपेश्वरी सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में सैकड़ों छायादार, फलदार और औषधीय पौधों का वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने वृक्षों के धार्मिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता प्रेम नारायण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “वृक्ष हमारे जीवन के लिए उतने ही जरूरी हैं जितने हमारे पुत्र। जिस प्रकार हम अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, उसी प्रकार हमें वृक्षों की भी देखभाल करनी चाहिए। वृक्षों से ही प्राकृतिक संतुलन बना रहता है।”
विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार तिवारी ने कहा कि “ग्लोबल वार्मिंग और ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं आज गंभीर रूप ले चुकी हैं। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के कारण बारिश की मात्रा भी प्रभावित हो रही है। ऐसे समय में पौधारोपण ही एकमात्र उपाय है जो हमें जीवनदान दे सकता है।”
धार्मिक मान्यता भी जुड़ी
कार्यक्रम में बताया गया कि हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस अवसर पर योगेंद्र प्रसाद, सुग्रीव सिंह, पूर्णमासी मौर्य, अंजनी श्रीवास्तव (प्रधानाचार्य), रामनाथ यादव, शिवकुमार सिंह, रामअवतार यादव, और आशुतोष चौबे सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर वृक्षारोपण में भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

Author: Ujala Sanchar
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