भारत भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: एक अनोखी यात्रा का अनुभव

भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: सिर्फ भक्तों के लिए एक सुख और खुशी की खबर है अब आप कैलाश पर्वत के पवित्र दर्शन भारत की भूमि सही कर सकते हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के जिले में स्थित ओल्ड क्लिप से इस यात्रा का आगाज हो चुका है नवरात्रि के पहले दिन से ही यात्रियों का एक समूह इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बना है या यात्रा न केवल कैलाश पर्वत के दर्शन का अवसर देता है बल्कि आदि कैलाश और ॐ पर्वत के दर्शन का भी व्यवस्था किया गया है लिए हम इस यात्रा की विशेषता और इससे जुड़ी जानकारी को विस्तार से जानते हैं।

भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन से जुड़े मुख्य बिंदु

  • आपके भारत से कैलाश पर्वत के दर्शन अब संभव है।
  • आदि कैलाश और ॐ पर्वत भी पैकेज में शामिल है।
  • श्रद्धालुओं के लिए जो लिपुलेख से यात्रा शुरू हो चुकी है।
  • स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना।

भारत की भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन: शिव भक्तों का सपना पूरा

कैलाश पर्वत जिसे भगवान शिव का निवास मतलब रहने का जगह माना जाता है हमेशा सही से भक्तों के लिए खास आस्था का केंद्र रहा है अब आपके भारत कैसे भक्त बिना चीन की सीमा पार किया पिथौरागढ़ के जिले ओल्ड लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं यह खबर आप सभी श्रद्धालुओं के लिए नई आशा को लेकर आया है जो की कोरोना समय के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का हिस्सा नहीं बन पाए थे।

भूमि से कैलाश पर्वत के दर्शन उत्तराखंड सरकार की ओर से एक खास टूर पैकेज के तहत या सुविधा दिया जा रहा है जो की नवरात्रि के पहले दिन से पांच श्रद्धालुओं के दल में पहली बार अनुभव किया है। इस यात्रा का प्रथम उद्देश्य है आप सब शिव भक्तों को भारत की धरती से ही कैलाश पर्वत आदि कैलाश और ॐ पर्वत के दर्शन करवाना है।

पांच दिवसीय टूर पैकेज: शिव धामों का अद्भुत अनुभव

कुमाऊं मंडल विकास निगम के जरिए बनाया गया है या 5 दिन का टूर पैकेज आप सब श्रद्धालुओं को तीन पवित्र स्थलों के दर्शन करता है कैलाश पर्वत, आदि कैलाश और ॐ पर्वत इस यात्रा के पहले भाग में आप जब श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर के जरिए से पिथौरागढ़ के गंजी गांव तक पहुंचाया जाएगा वहां से आप सब श्रद्धालु सड़क के रास्ते से ओल्ड लिपुलेख जाएंगे जहां से आप माउण्ट कैलाश और ॐ पर्वत के दर्शन होंगे।

यात्रा के दूसरे दिन आप सब श्रद्धालु जौलिकाँग से आदि कैलाश के दर्शन कर सकते हैं या पूरा सफर प्रकृति की गोद में बिताने का एक अद्वितीय अनुभव है जहां श्रद्धालु भगवान शिव के इन सभी धर्मों के दर्शन करके अपने आस्था और मां की शांति को अनुभव कर सकते हैं यात्रा के अंत में आप सब को पिथौरागढ़ हेलीकॉप्टर के जरिए से वापस लाया जाएगा।

श्रद्धालुओं का अनुभव: स्वर्ग का एहसास

यात्रा का हिस्सा बने आप सबसे तलवा ने इस अनुभव को अभी स्मरणीय बताया है नीरज चौक से और उनके परिवार ने बताया है कि कैलाश पर्वत के दर्शन करके उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कि उन्होंने स्वर्ग का अनुभव कर लिया प्राकृतिक के इस दिव्य सौंदर्य और पवित्र स्थलों के दर्शन में उनके आस्था को और गहरा कर दिया है।

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अमनदीप जिंदल जो कि इस यात्रा के हिस्सेदार थे उन्होंने बताया कि माउण्ट कैलाश, आदि कैलाश और ॐ पर्वत के अलौकिक दृश्य उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने उत्तराखंड के सरकार और इस यात्रा को संचालित करने वाली टीम का आभार व्यक्त किया जो कि इस यात्रा को इतना सुगम और सुंदर बना पाए।

कोरोना के बाद से बंद थी कैलाश मानसरोवर यात्रा

कोरोना के महामारी से पहले तक कैलाश के मानसरोवर यात्रा के लिए आप सब श्रद्धालु चीन की सीमा को पार करके लिपुलेख दश होते हुए आप कैलाश पर्वत के दर्शन करने जाते थे लेकिन महामारी के वजह से इस यात्रा को रोक दिया गया था साथ ही भारत चीन सीमा कहासुनी के चलते चीन के सरकार की ओर से भी इस यात्रा के लिए अनुमति नहीं मिल पा रही थी।

इन सब कठिनाइयों के बीच केंद्र के सरकार ने एक नया उपाय निकाला है जिसमें कि बिना चीन की सीमा को पार किये एक आप सब श्रद्धालु भारत की भूमि से एक कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं यह यात्रा न केवल आप सब श्रद्धालुओं के लिए खास है बल्कि उत्तराखंड के सीमांत गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक दिशा में भी बहुत जरूरी कदम है।

स्थानीय ग्रामीणों की खोज: लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन

पिथौरागढ़ जिले के स्थानीय गांव ने लिपुलेख पहाड़ियों में एक ऐसा व्यू प्वाइंट खोज जहां से कैलाश पर्वत एकदम अच्छे से दिखाई देता है इस जानकारी के आधार पर उत्तराखंड के प्रशासन ने इस स्थल का सर्वे किया और यहां एक खास पर्यटन योजना की भी तैयारी की आप सब यात्रियों के ठहरने की भी व्यवस्था, सड़क मार्ग और अन्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इसे सफलतापूर्वक किया गया है।

ओल्ड लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन करने का यह फैसला केंद्र सरकार की अनुमति के बाद ही लिया गया है जिससे कि 15 सितंबर से या मार्ग आप सब श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान: पर्यटन को बढ़ावा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि आप भारत की धरती से ही कैलाश पर्वत के दर्शन आप सब भक्तों के लिए एक खास असर है उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया है और कहां है कि यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से जरूरी है बल्कि सुमंत्रण गांव में पर्यटन को बढ़ावा देकर पलायन की समस्या को रोकने में भी मदद होगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि भविष्य में इस यात्रा को और अच्छा बनाने के लिए सरकार और भी सुविधाओं का विकास करेगी इसके तहत आप सभी यात्रियों के लिए बेहतर सड़क ठहरने की सुविधा और अन्य जरूरी व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा।

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