Sheetla mata aarti: स्वास्थ्य, सुख-शांति और रोगों से मुक्ति के लिए करें शीतला माता की पूजा

शीतला माता हिन्दू धर्म की एक महत्वपूर्ण देवी हैं, जिन्हें विशेष रूप से बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य की देवी के रूप में पूजा जाता है। शीतला माता को चेचक, खसरा और अन्य संक्रामक बीमारियों से रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। शीतला माता की पूजा में महिलाएं विशेष रूप से शामिल होती हैं, जो अपने परिवार के स्वास्थ्य और सुख-शांति की कामना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि शीतला माता की कृपा से भक्तों को रोगों से मुक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है। उनकी पूजा के दौरान घर में स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है, जो सेहत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

शीतला माता की आरती के समय भक्तजन दीपक जलाकर और माता के समक्ष प्रसाद अर्पित कर उनकी महिमा का गुणगान करते हैं। शीतला सप्तमी के दिन माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें ठंडा भोजन चढ़ाया जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि शीतला माता को ठंडा प्रसाद ही प्रिय है। शीतला माता की आरती करने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। आरती के माध्यम से शीतला माता से स्वास्थ्य, सुरक्षा और परिवार की सुख-शांति की कामना की जाती है।

आरती

रतन सिंहासन शोभित;
श्वेत छत्र भाता |
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें;
जगमग छवि छाता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता |

विष्णु सेवत ठाढ़े;
सेवें शिव धाता |
वेद पुराण वरणत;
पार नहीं पाता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता ||

इन्द्र मृदङ्ग बजावत;
चन्द्र वीणा हाथा |
सूरज ताल बजावै;
नारद मुनि गाता ||

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ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता ||

घण्टा शङ्ख शहनाई;
बाजै मन भाता |
करै भक्तजन आरती;
लखि लखि हर्षाता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता ||

ब्रह्म रूप वरदानी;
तुही तीन काल ज्ञाता |
भक्तन को सुख देती;
मातु पिता भ्राता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता ||

जो जन ध्यान लगावे;
प्रेम शक्ति पाता |
सकल मनोरथ पावे;
भवनिधि तर जाता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता |

रोगों से जो पीड़ित कोई;
शरण तेरी आता |
कोढ़ी पावे निर्मल काया;
अन्ध नेत्र पाता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता |

बांझ पुत्र को पावे;
दारिद्र कट जाता |
ताको भजै जो नाहीं;
सिर धुनि पछताता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता |

शीतल करती जननी;
तू ही है जग त्राता |
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन;
तू सब की घाता ||

ॐ जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता |

दास विचित्र कर जोड़े;
सुन मेरी माता |
भक्ति आपनी दीजै;
और न कुछ भाता ||

जय शीतला माता;
मैया जय शीतला माता |
आदि ज्योति महारानी;
सब फल की दाता ||
ॐ जय शीतला माता…||

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