श्री राधा रानी जी की आरती भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय राधा रानी की भक्ति और महिमा का सुंदर स्तुति गीत है। राधा रानी को प्रेम, करुणा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी आरती के दौरान भक्त राधा रानी के दिव्य रूप, उनकी कोमलता और प्रेम भरे आशीर्वाद का स्मरण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि राधा रानी की पूजा से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा भी स्वतः प्राप्त होती है, क्योंकि राधा और कृष्ण दोनों का प्रेम अनंत और दिव्य है। आरती में राधा रानी के गुणों का बखान किया जाता है, जिससे भक्तों के मन को शांति और अपार भक्ति का अनुभव होता है।
श्री राधा रानी की आरती विशेष रूप से वृंदावन और बरसाना में बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है, जहाँ उनके मंदिरों में हजारों भक्त दर्शन और आरती में शामिल होते हैं। आरती के समय घंटियों और शंख की ध्वनि के साथ भक्तजन अपने मन को राधा रानी की भक्ति में पूरी तरह डूबा लेते हैं। यह आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि भक्तों के लिए राधा रानी की प्रेममय ऊर्जा से जुड़ने का एक सुंदर माध्यम है, जो उनके जीवन में प्रेम, भक्ति और सकारात्मकता का संचार करती है।
आरती
आरती राधाजी की कीजै। टेक:::::
कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा |
आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती:::::
कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई |
उस शक्ति की आरती कीजै। आरती:::::
नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई |
आरती रास रसाई की कीजै। आरती::::::::
प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई |
आरती राधाजी की कीजै। आरती::::::
दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती|
आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती:::::
दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे |
आरती जगत माता की कीजै। आरती::::::
निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे |
आरती विश्वमाता की कीजै। आरती राधाजी की कीजै:::::|









