वाराणसी: नौ इंटरनेशनल साइबर ठगों पर लगा गैंगस्टर, 72 लाख की ठगी 

Ujala Sanchar

वाराणसी: पुलिस कमिश्नरेट ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में पहली बार गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। किया मोटर्स कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर एजेंसी दिलाने का झांसा देकर 72 लाख रुपये की ठगी करने वाले नौ अंतरराज्यीय साइबर ठगों के खिलाफ यह सख्त कदम उठाया गया है। पुलिस ने कैंट थानाध्यक्ष राजकुमार शर्मा की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। सभी आरोपी वर्तमान में जिला जेल में बंद हैं।

फर्जी एजेंसी दिलाने का झांसा देकर की ठगी
भेलूपुर थाना क्षेत्र के गौरीगंज निवासी तेजस्वी शुक्ला ने 18 जून 2024 को साइबर क्राइम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि किया मोटर्स कंपनी की एजेंसी दिलाने के बहाने उनसे 72 लाख रुपये की ठगी की गई। साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की गहन जांच के बाद जुलाई 2024 में नौ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से नकदी और अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया गया था।

गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के नालंदा जिले के दशरथपुर, पावापुरी गांव निवासी दीपक कुमार, प्रभाकर कुमार उर्फ चिंकू, सौरव कुमार और आलोक कुमार शामिल हैं। इसके अलावा सरबहदी गांव के हिमांशु राज, रघुबिगहा गांव के प्रियरंजन कुमार और सत्येंद्र सुमन उर्फ नेताजी, नियामत नगर के रंजन कुमार और ईस्ट दिल्ली के भद्रावली फाजिलपुर के रमेश सिंह भूटोला भी इस गिरोह का हिस्सा थे। इस गिरोह का सरगना प्रियरंजन कुमार है।

38 साइबर ठगों की हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि साइबर ठगों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए, ताकि जेल से बाहर आने के बाद उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। साइबर क्राइम थाने के विशेषज्ञ श्याम लाल गुप्ता ने बताया कि अब तक 38 साइबर ठगों की हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए देशभर के विभिन्न जिलों की पुलिस को पत्र भेजा गया है।

See also  वाराणसी: BHU छात्रों ने प्रवेश प्रक्रिया में लगाया गड़बड़ी का आरोप, कुलपति व परीक्षा नियंता का फूंका पुतला, भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

बड़े साइबर अपराधों पर पुलिस की सख्त निगरानी
इस साल अब तक पांच लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी के 10 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके अलावा, पांच लाख रुपये से कम की साइबर ठगी के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट इस तरह के मामलों पर कड़ी नजर रख रही है और साइबर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।

Spread the love

Leave a Comment