शिव मंदिर में पूजा करने के बाद महिलाएं और कई भक्त अक्सर शिवलिंग के सामने 3 बार ताली बजाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे का धार्मिक और पौराणिक कारण।
पूजा के बाद ताली बजाने की परंपरा
भगवान शिव की पूजा करने के बाद शिव भक्त अक्सर शिवलिंग के सामने 3 बार ताली बजाते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, पर बहुत कम लोग इसके पीछे का कारण जानते हैं। ऐसा माना जाता है कि ताली बजाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
3 बार ताली बजाने का महत्व
भगवान शिव के सामने 3 बार ताली बजाना एक खास धार्मिक परंपरा है। आइए जानते हैं इसके तीन मुख्य कारण:
- पहली ताली: भगवान शिव को अपनी उपस्थिति का संकेत देने के लिए।
- दूसरी ताली: मन में छिपी प्रार्थनाओं और इच्छाओं को व्यक्त करने के लिए।
- तीसरी ताली: भगवान शिव के चरणों में स्थान प्राप्त करने और उनकी कृपा के लिए।
रावण और ताली बजाने की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंका के राजा रावण, जो भगवान शिव के परम भक्त थे, ने शिवजी की पूजा के बाद 3 बार ताली बजाई थी। ऐसा माना जाता है कि इसके बाद ही रावण को लंका का राज्य मिला। इसी वजह से आज भी भक्त अपने मन की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पूजा के बाद ताली बजाते हैं।
ताली बजाने का सही समय
मंदिर में कभी भी जाकर ताली नहीं बजानी चाहिए। ताली बजाने का सही समय सुबह 7 बजे से लेकर 11 बजे तक माना गया है। दोपहर 12 बजे के बाद ताली नहीं बजानी चाहिए क्योंकि यह समय भगवान शिव के विश्राम का होता है।
