नवरात्रि का दूसरा दिन इस दिन ब्रह्मचारिणी मां की पूजा का बहुत खास महत्व है ब्रह्मचारिणी मां का स्वरूप तपस्या और संयम का प्रतीक है इनका पूजा करने से हम जिससे भक्तों के जीवन में धैर्य और शक्ति की प्राप्ति होती है इस दिन हम मां की पूजा विधि आसान तरीके से कर सकते हैं म सबसे पहले घर के पूजा स्थान को साफ और स्वच्छ करते हैं उसके बाद मां की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक को जलाते हैं और उनको सफेद फूल,अक्षत, रोली और चंदन को चढ़ाते हैं इसके बाद मन को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भी भोग लगाते हैं।
ब्रह्मचारिणी का आराधना करते समय उनके खास मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभ माना जाता है ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”। इस मंत्र का उच्चारण हमें 108 बार करना चाहिए इससे हमें मनोवांछित फल प्राप्त होता है इसके अलावा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखना जरूरी है नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा के लिए सुबह का समय सबसे शुभ माना गया है। एक दिन हम उपवास रखकर मां की कृपा को प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सफलता और सुख समृद्धि के लिए भी कामना करते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का महत्व
मां ब्रह्मचारिणी को माता पार्वती का दूसरा रूप माना जाता है उनके नाम का अर्थ है ‘ तपस्विनी’ या जो ब्रह्मचर्य का पालन करती है। कथा के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या भी किया था उनके इसी तब और संयम को ध्यान में रखकर उन्हें इस दिन खास रूप से पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है की मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से हर एक व्यक्ति के जीवन में संयम, आत्म-नियंत्रण, और ज्ञान का वृद्धि भी होता है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में सरलता और श्रद्धा का खास महत्व है मां की पूजा शुरू करने से पहले हम घर के मंदिर या फिर पूजा स्थान को साफ कर लेंगे और खुद स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहन लेंगे।
- सबसे पहले मां दुर्गा को गंगाजल से अभिषेक करेंगे।
- उसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को सफेद फूल, अक्षत लाल चंदन और चुनरी को चढ़ाएंगे।
- मां को उनका प्रिय सफेद मिठाई, मिश्री और खीर का भी भोग लगाएंगे।
- उसके बाद देवी मां के सामने घी का दीपक और धूप बत्ती भी जलाएंगे।
- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का भी पाठ करेंगे।
- फिर पान के पत्ते पर कपूर और लौंग को रखकर मां ब्रह्मचारिणी का आरती करेंगे और क्षमा प्रार्थना भी करेंगे।
इस आसन पूजा विधि के बाद देवी को हम प्रसन्न करने के लिए खास मंत्र का भी उच्चारण करेंगे मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से ध्यान और वैराग्य का भी प्राप्ति होता है और मां की कृपा से हमारे जीवन में ज्ञान और शांति का भी संचार होता है।
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग, फूल और भोग
हर देवी का कुछ ना कुछ प्रिया जरूर होता है जो कि उनके पूजा के समय उन्हें खास रूप से चढ़ाया जाता है मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग बहुत ज्यादा पसंद है इसलिए उनकी पूजा के समय सफेद वस्त्र और
- सफेद फूल को चढ़ाएंगे।
- मां का प्रिय रंग है सफेद।
- उनका प्रिय पुस्प है फूल सफेद फूल खास रूप से चमेली के फूल।
- मां का प्रिया भोग है मिश्री, खीर और सफेद रंग की मिठाई।
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
पूजा के समय मां ब्रह्मचारिणी के खास मंत्र का जाप करना हमारे लिए अत्यंत फलदाई है। यह मंत्र हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और देवी माता की कृपा को भी बढ़ता है।
“या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”
इस मंत्र का जाप करते समय सच्चे मन से देवी मां की आराधना करने से हमको उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की आराधना के लाभ
पूजा से अनेकों लाभ मिलते हैं माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से हमारा जीवन सुख शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है। के अलावा उनकी उपासना को ध्यान और वैराग्य की भी प्राप्ति होती है जिससे कि मानसिक शांति और संतुलन में बना रहता है।
- हमें ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है।
- परिवार में हमारे सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
- आंतरिक शांति और मानसिक संतुलन भी बना रहता है।
- जीवन में संयम और धैर्य का विकास होता है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के शुभ मुहूर्त
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए कुछ खास मुहूर्त भी होते हैं जिनमें पूजा करने से देवी मां की कृपा हमें शीघ्र ही प्राप्त हो जाती है नवरात्रि के दूसरे दिन इन मुहूर्त से पूजा करने से बहुत ही शुभ मानते हैं।
1. ब्रह्म मुहूर्त: 04:38 ए एम से 05:27 ए एम
2. प्रातः सन्ध्या: 05:03 ए एम से 06:16 ए एम
3. अभिजित मुहूर्त: 11:46 ए एम से 12:33 पी एम
4. विजय मुहूर्त: 02:07 पी एम से 02:55 पी एम
5. गोधूलि मुहूर्त: 06:03 पी एम से 06:28 पी एम
6. सायाह्न सन्ध्या: 06:03 पी एम से 07:17 पी एम
7. अमृत काल: 11:24 ए एम से 01:13 पी एम
8. निशिता मुहूर्त: 11:45 पी एम से 00:34 ए एम, अक्टूबर 05
इस मुहूर्त में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से उनका खास कृपा प्राप्त होता है और हमारे जीवन में समृद्धि शांति और सौभाग्य भी प्रवेश होता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन के चौघड़िया मुहूर्त
साथ ही नवरात्रि के दूसरे दिन कुछ खास चौघड़िया मुहूर्त भी होते हैं जिनमें पूजा करना बहुत खास फलदाई भी होता है।
1. शुभ: 06:15 ए एम से 07:44 ए एम
2. लाभ: 12:10 पी एम से 01:38 पी एम
3. अमृत: 01:38 पी एम से 03:07 पी एम
4. अमृत: 06:04 पी एम से 07:36 पी एम
इन चौघड़िया मुहूर्त करने से देवी मां की खास कृपा प्राप्त होती है और हमारे जीवन के सभी प्रकार की बाधाओ कभी अंत हो जाता है।
Neha Patel is a content and news writer who has been working since 2023. She specializes in writing on religious news and other Indian topics. She also writes excellent articles on society, culture, and current affairs.