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कैलाश मानसरोवर की मुक्ति से तिब्बत की स्वतंत्रता का मार्ग होगा प्रशस्त– तिब्बत की रक्षा मंत्री

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काशी में कैलाश मानसरोवर और तिब्बत की मुक्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंथन आयोजित किया गया। शिवधाम कैलाश मानसरोवर तिब्बत फ्रीडम एसोसिएशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से आए प्रतिनिधियों ने एक स्वर में मानसरोवर मुक्ति का समर्थन किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि तिब्बत की निर्वासित सरकार Central Tibetan Administration की रक्षा मंत्री डोल्मा गायरी रहीं। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर की मुक्ति से तिब्बत की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा और निर्वासित तिब्बती समुदाय की वर्षों पुरानी आकांक्षा पूरी हो सकेगी।

उन्होंने बताया कि दलाई लामा के 1959 में भारत आगमन के बाद से तिब्बत का संघर्ष अहिंसक तरीके से जारी है। 2009 से नॉन-वॉयलेंस आंदोलन चल रहा है और अब मानसरोवर मुक्ति अभियान से इस संघर्ष को नई दिशा मिलेगी।

अधिवेशन में यूपी समेत कई प्रदेशों से डेलीगेट्स शामिल हुए। एसडीटीएफए के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह मानव ने कहा कि काशी में आयोजन से अभियान को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा मिली है।

कार्यक्रम में शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी विचार रखे। वक्ताओं ने इसे कैलाश मानसरोवर–तिब्बत मुक्ति जनआंदोलन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिलाने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।

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