उत्तर प्रदेश में 5 सितंबर को एक लाख रुपये के इनामी बदमाश मंगेश यादव का एनकाउंटर हुआ। इस घटना ने प्रदेश में एक नई बहस छेड़ दी है। जहां पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) इस ऑपरेशन को अपनी सफलता के रूप में देख रही है, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को ‘नकली’ बताया है। साथ ही, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ने भी चर्चा को और हवा दे दी है, जिसमें STF के डीएसपी डीके शाही चप्पल पहने हुए दिख रहे हैं। आइए इस पूरे मामले पर एक नज़र डालते हैं और जानते हैं कि आखिरकार ये मुद्दा क्यों इतना गरम हो गया है।
एनकाउंटर की शुरुआत कैसे हुई?
5 सितंबर को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में मंगेश यादव का एनकाउंटर हुआ, जिसने अपराधियों के बीच एक संदेश भेजा कि पुलिस सख्त कार्रवाई के मूड में है। STF के डीएसपी डीके शाही की अगुवाई में हुई इस कार्रवाई में एक लाख रुपये के इनामी बदमाश मंगेश यादव को मार गिराया गया। STF की टीम पर उस समय गोलियां चलाई गईं जब वे मंगेश यादव को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे। STF की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई, जिसके परिणामस्वरूप मंगेश यादव मारा गया और उसका एक साथी फरार होने में सफल रहा।
इस एनकाउंटर को पुलिस ने अपनी बड़ी सफलता बताया, क्योंकि मंगेश यादव लंबे समय से फरार था और उस पर कई संगीन मामले दर्ज थे। पुलिस का दावा है कि मंगेश एक ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट चला रहा था और कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था।
अखिलेश यादव के आरोप: नकली एनकाउंटर?
एनकाउंटर के तुरंत बाद, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एनकाउंटर नकली हो सकता है। उनका दावा है कि यह केवल एक राजनीतिक चाल हो सकती है, जिसे आगामी चुनावों से पहले प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मुद्दों को दबाने के लिए रचा गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे एनकाउंटर्स केवल राजनीतिक फायदों के लिए किए जा रहे हैं, न कि अपराधियों को सजा देने के लिए।
अखिलेश यादव ने ये भी सवाल उठाए कि अगर पुलिस ने मंगेश यादव को घेरकर मारा, तो उसे पहले ही गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। उनके अनुसार, यह पूरी घटना एक बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा हो सकती है।
STF पर उठ रहे सवाल
एनकाउंटर करने वाली STF पर भी सवाल उठने लगे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में है सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर, जिसमें STF टीम के डीएसपी डीके शाही चप्पल पहने हुए नजर आ रहे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर STF इतनी गंभीरता से ऑपरेशन कर रही थी, तो डीके शाही ने चप्पल क्यों पहनी थी? क्या STF इस ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार थी या फिर यह सिर्फ एक सामान्य प्रक्रिया थी?
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर काफी मीम्स और टिप्पणियां आ रही हैं, जहां कुछ लोग इसे पुलिस की लापरवाही मान रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि ये बस एक सामान्य बात है और इसे ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
डीके शाही का बयान
इस पूरे मामले पर जब डीके शाही से सवाल किया गया, तो उन्होंने अपने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में ऑर्गनाइज्ड क्राइम को खत्म कर दिया गया है और अब केवल छिटपुट घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों को या तो जेल भेजा जा रहा है या फिर यदि वे पुलिस पर हमला कर रहे हैं, तो पुलिस जवाबी कार्रवाई कर रही है।
सुल्तानपुर में एक ज्वेलरी शॉप में 28 अगस्त को हुई डकैती के बाद से STF की टीम और जिला पुलिस इस मामले में लगी थी। 5 सितंबर को अचानक गिरफ्तारी के दौरान बदमाशों ने STF पर फायरिंग की, जिसके जवाब में मंगेश यादव मारा गया।
जब डीके शाही से अखिलेश यादव के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “सबकी अपनी-अपनी राय होती है। इस पर अब और क्या कहा जा सकता है?”
डीके शाही: कौन हैं वो?
डीके शाही उत्तर प्रदेश पुलिस में एक डिप्टी एसपी हैं और फिलहाल STF का हिस्सा हैं। वे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं। डीके शाही की पत्नी ऋतु शाही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता हैं और हाल ही में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य के रूप में नियुक्त की गई हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि ऋतु शाही की नियुक्ति मंगेश यादव के एनकाउंटर से पहले ही हो चुकी थी। ऋतु शाही गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी महिला मोर्चा की क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
सपा ने उठाए सवाल
सपा ने इस एनकाउंटर को लेकर और भी कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि डीके शाही की पत्नी का बीजेपी से जुड़ाव कहीं न कहीं इस एनकाउंटर को राजनीतिक रंग दे सकता है। सपा नेताओं का कहना है कि एनकाउंटर के नाम पर बीजेपी सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही है और यह कानून-व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक हित साधने के लिए किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस एनकाउंटर को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग STF की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने एक खतरनाक अपराधी को मार गिराया, जबकि कुछ लोग इस पूरी घटना को राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं। वायरल हो रही तस्वीर में डीके शाही का चप्पल पहनकर ऑपरेशन करना भी चर्चा का बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
सवालों के घेरे में एनकाउंटर
मंगेश यादव के एनकाउंटर ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां पुलिस इसे अपनी बड़ी सफलता मान रही है, वहीं विपक्षी दल और कुछ लोग इसे राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं। अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवाल और सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर ने इस मुद्दे को और भी गरमा दिया है।
भविष्य में इस एनकाउंटर की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही साफ हो सकेगा, लेकिन फिलहाल इस घटना ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
STF के डीएसपी डीके शाही का चप्पल पहनकर ऑपरेशन करना और अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए नकली एनकाउंटर के आरोपों ने इस घटना को और भी जटिल बना दिया है। जनता और राजनीतिक दलों के बीच इस मामले पर चर्चा अभी भी जारी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में क्या नया मोड़ आता है।
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।