भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ अब नई ऊंचाइयों को छूने की ओर बढ़ रहा है। इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि मिशन का लगभग 90% विकास कार्य पूरी तरह से पूरा हो चुका है।
गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री (क्रू) पृथ्वी की कक्षा में लगभग तीन दिन तक रहेंगे। मिशन के लिए मानव-रेटेड रॉकेट, पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली और क्रू एस्केप सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का विकास किया जा रहा है।
मानव मिशन से पहले तीन बिना मानव वाली उड़ानें आयोजित की जाएंगी। इन में पहली उड़ान 2026 में व्योममित्र रोबोट के साथ प्रस्तावित है, जबकि मानव मिशन 2027 की शुरुआत में होने की संभावना है। हाल ही में 24 अगस्त 2025 को श्रीहरिकोटा में सफल एयर ड्रॉप टेस्ट किया गया, जिसने क्रू मॉड्यूल की सुरक्षा प्रणालियों की पुष्टि की।
इसरो चेयरमैन ने यह जानकारी ESTIC-2025 कॉन्क्लेव के प्रचार कार्यक्रम के दौरान साझा की और कहा कि गगनयान मिशन भारत को अंतरिक्ष तकनीक के नए युग में प्रवेश कराएगा।









