वाराणसी: शहर में पिछले कई दिनों से पुलिस-प्रशासन और ई-रिक्शा चालकों के बीच नोकझोंक चल रहा है. लेकिन ई-रिक्शा चालक अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हट रहे है. इसी बीच ई-रिक्शा चालकों ने कथित तौर पर मंगलवार को हड़ताल और चक्का जाम का आहवान किया था। जिसकी भनक प्रशासनिक अधिकारियों को लगते ही पुलिस ने मंगलवार तड़के सुबह ई-रिक्शा यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद ई-रिक्शा आक्रोशित हो गये।
ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि पुलिस प्रशासन के नये बारकोड सिस्टम से हमारी कमाई खत्म हो जाएगी। पिछले कई दिनों से हम धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। लेकिन हमारी किसी पुलिस के अधिकारी ने एक न सुनी। कहा कि पुलिस ने जो हमारे लिए दायरा तय किया है, उससे हमारे रोजी रोटी पर संकट आएगा। शहर भर में अधिकतर ई-रिक्शा चालकों ने अपनी गाड़ी फाइनेंस कराई है। ऐसे में लोन की किश्त तो छोड़िये, हमारे लिये दो समय के भोजन की भी व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है।
पुलिस के अधिकारियों ने शास्त्री घाट पर ई-रिक्शा चालकों का धरना समाप्त कराने की कोशिश की। जिसका चालकों ने काफी विरोध किया। इस दौरान पुलिस की ई-रिक्शा चालकों से कुछ कहासुनी भी हुई। जिसे लेकर ई-रिक्शा चालक काफी आक्रोशित नजर आये। चालकों ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया है।
वहीं इस संबंध में एडीसीपी वरुणा ज़ोन टी. सरवणन ने बताया कि वाराणसी में यातायात को जाम मुक्त बनाने हेतु ई-रिक्शा पर बार कोड का सिस्टम बनाया गया है। लेकिन इसके विरोध में कुछ लोग शास्त्री घाट पर कुछ लोग बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन कर रहे थे। जिन्हें हटाया गया है। शहर की सबसे बड़ी समस्या जाम की है, इसे देखते हुए यह नियम बनाए गये हैं।
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