वाराणसी: राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश मूल संघ के प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अशोक कुमार अवाक ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव से मांग की है कि भीषण प्रचंड गर्मी के प्रकोप को देखते हुए माध्यमिक विद्यालयों में समर कैंप को स्थगित किया जाए क्योंकि इससे छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
उनका कहना है कि यदि इसे करना अपरिहार्य है तो विभागीय नियमानुसार इसमें कार्य करने वाले शिक्षकों को उपार्जित अवकाश दिया जाए। स्थिति यह है कि पिछले वर्ष समर कैंप में कार्य करने वाले शिक्षकों को अभी तक उपार्जित अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया है, जो कि खेदजनक है।
प्रदेश कार्यकारी महामंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा निर्गत आदेश का हवाला दिया है, जिसमें परिषदीय उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित करने हेतु शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों को नियोजित करने का निर्देश है तथा उक्त अवधि में उनके लिए रुपए 6000 के मानदेय का भी प्राविधान है। इसलिए माध्यमिक विद्यालयों में भी बाहरी संस्थाओं से मास्टर ट्रेनर रखकर इनका आयोजन किया जाए।
संघ को प्रदेश स्तर से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शिक्षकों द्वारा वर्ष भर से लंबित अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों एवं प्रतिबद्धताओं से अवगत कराया जा रहा है। उपार्जित अवकाश दिए बिना कार्य करने के लिए विवश किए जाने के माहौल से शिक्षक समाज में आक्रोश एवं पीड़ा है।
संघ का यह भी प्रस्ताव है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश पूर्णतया समाप्त कर शिक्षक- शिक्षिकाओं को अन्य राज्य कर्मचारियों के समान उपार्जित अवकाश प्रदान किया जाए। प्रांतीय कार्यकारी महामंत्री की मांग है कि ग्रीष्मकालीन शिविर को 20 मई से पहले पूरा कर लिया जाए अथवा इसके एवज में उपार्जित अवकाश प्रधानाचार्य के स्तर से ही स्वीकृत करने का आदेश जारी किया जाए।
रिपोर्ट- रामविलास यादव

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।