वाराणसी: जनपद वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चंदापुर में अम्बेडकर स्थल पर बाउंड्री निर्माण को लेकर जातीय तनाव सामने आया है। दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि सवर्ण समाज के कुछ लोगों ने न केवल अम्बेडकर स्थल की बाउंड्री को गिराया, बल्कि जातिसूचक गालियाँ देते हुए जानमाल की धमकी भी दी।
60 वर्षों से स्थापित है धार्मिक स्थल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव की स्थायी दलित बस्ती के पास दक्षिण दिशा में, सरकारी प्राइमरी विद्यालय के निकट एक स्थल पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति और एक शिवलिंग की पिंडी पिछले लगभग 60 वर्षों से स्थापित है। यहां पर वर्षों से गांव के सभी वर्गों द्वारा पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान होते रहे हैं।
गांव में मंदिर निर्माण पर बनी थी आपसी सहमति
अप्रैल 2025 में सवर्ण और दलित समाज के लोगों ने मिलकर ग्राम प्रधान गीता देवी से मंदिर व बाउंड्री निर्माण को लेकर आपसी सहमति बनाई थी। इसके बाद मई माह में सवर्ण समाज की ओर से शिवलिंग के स्थान पर बजरंगबली की मूर्ति स्थापित कर दी गई और 11 जून को भंडारे का आयोजन भी किया गया।
अम्बेडकर स्थल की बाउंड्री पर हुआ विरोध
जब दलित समाज ने बाबा साहब की मूर्ति के आसपास की खुली भूमि पर बाउंड्री निर्माण कर मंदिर का स्वरूप देना शुरू किया, तो सवर्ण समाज के कुछ लोगों ने विरोध करते हुए बाउंड्री तोड़ने का प्रयास किया। इस पर ग्राम प्रधान ने स्थानीय पुलिस और जनपद के उच्चाधिकारियों को सूचना दी।
पुलिस कार्रवाई और आगे की स्थिति
सूचना पर चोलापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल अम्बेडकर स्थल की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
दलित समाज के लोगों का कहना है कि अम्बेडकर स्थल पर वर्षों से धार्मिक क्रियाएं होती रही हैं। वे वहां शादी-विवाह, मुंडन जैसे अनुष्ठान भी करते हैं। सवर्ण समाज के कुछ लोगों द्वारा बाउंड्री गिराना और जातीय गाली देना, सामाजिक सौहार्द को तोड़ने वाला कृत्य है। प्रशासन से मांग है कि दोषियों पर SC/ST एक्ट, आईपीसी की सुसंगत धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसा कोई विवाद न हो।

Author: Ujala Sanchar
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