वाराणसी: नन्हें सितारे रुद्रांश विश्वकर्मा ने यह साबित कर दिया है कि विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है। सिर्फ 5 वर्ष की उम्र में, दोनों पैरों से विकलांग होने के बावजूद उन्होंने रोलर स्पीड स्केटिंग में ऐसा मुकाम हासिल किया है जिसे पाने में बड़े खिलाड़ियों को वर्षों लग जाते हैं।

इंटर-स्कूल और जनपद स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने के बाद रुद्रांश ने अब राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी भाग लेकर स्वर्ण पदक जीतना शुरू कर दिया है। अब तक वे कुल 20 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं।

रुद्रांश, ब.रे.का. संस्थान के तत्वावधान में संचालित रोलर स्पीड स्केटिंग अकादमी में कोच फ़रज़म हुसैन से नियमित और अनुशासित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। कोच का कहना है कि रुद्रांश बहुत जल्द राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का परचम लहराएंगे।
उनकी सफलता के पीछे माता-पिता का भी बड़ा योगदान है। उनकी मां पूजा एक गृहिणी हैं और पिता जितेंद्र कुमार सुंदरपुर स्थित वरदान हॉस्पिटल में कर्मचारी हैं। बेटे के सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने अनेक त्याग किए हैं।

Author: Ujala Sanchar
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