वाराणसी: वाराणसी के महमूरगंज क्षेत्र के तुलसीपुर स्थित बिंद बाग में मछुआरा स्वाभिमान सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। हजारों की संख्या में जुटे समाज के लोगों ने “ॐ नमः शिवाय, हर हर महादेव, जय निषादराज, जय गंगा मैया” के उद्घोष के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मछुआरा समाज के स्वाभिमान, अधिकार और न्याय की गूंज बना।

सम्मेलन में पूर्व राज्यसभा सांसद जय प्रकाश निषाद ने ‘Political Godfather of Fisherman’ कहने वालों पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को माँ गंगा का बेटा कहते हैं, तो समाज के टुकड़ों पर पलने वाला कोई नेता खुद को मछुआरों का गॉडफादर नहीं कह सकता। यह समाज की मेहनत और त्याग का अपमान है।
वक्ताओं ने वंशवाद और भ्रष्टाचार पर भी खुला हमला बोला। कहा गया कि समाज के नाम पर बनी कुछ पार्टियाँ परिवार की राजनीति और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं, जबकि भाजपा में कार्यकर्ताओं और समाज की ताक़त से निर्णय होते हैं।
मोदी-योगी सरकार के योगदान को भी रेखांकित किया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मछुआरों के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, गंगा सफाई, घाटों का सौंदर्यीकरण और पर्यटन-विकास को समाज के उत्थान का वास्तविक उदाहरण बताया गया।
युवाओं को संदेश दिया गया कि अब समय आ गया है कि समाज नाव और जाल से आगे बढ़कर किताब और कलम उठाए। डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और नेता बनकर अपनी आवाज़ खुद बुलंद करे। शिक्षा और समर्पण से ही समाज अपनी नई पहचान बना सकता है।
सम्मेलन में कहा गया कि काम करने वाले अपने कार्य से पहचाने जाते हैं, जबकि ढोंग करने वाले केवल नाम से। धोखे की राजनीति ज़्यादा दिन नहीं चलती, सच्चाई की लौ हर अंधेरे को मिटा देती है।
कार्यक्रम के अंत में समाज ने संकल्प लिया कि अब मछुआरा समाज परिवारवादी और झूठे नेताओं के बहकावे में नहीं आएगा। समाज को सीधे प्राणिधित्व चाहिए, बिचौलियों के माध्यम से नहीं। अपने अधिकार, सम्मान और स्वाभिमान के लिए समाज भाजपा के नेतृत्व में संगठित होकर संघर्ष करेगा।
साथ ही निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही नीति निर्माण और मछुआरा समाज के हितों के लिए एक और बैठक की जाएगी। सम्मेलन का संदेश स्पष्ट रहा—मछुआरा समाज अब दूसरों का मोहरा नहीं बनेगा, बल्कि अपने भविष्य का रास्ता खुद तय करेगा।









