गाजीपुर। नगर की तहसील स्थित एसडीएम कार्यालय में बुधवार को एक ऐतिहासिक पहल हुई। आज़ादी के बाद पहली बार हीराधरपुर गांव की वनवासी बस्ती की महिलाओं को शासन की महत्वपूर्ण योजना अंत्योदय से जोड़ा गया। इस अवसर पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड ने कुल 21 महिलाओं को अंत्योदय कार्ड वितरित किए।
कार्ड मिलने के बाद महिलाओं के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। पहली बार राशन कार्ड पाकर गुलाबी देवी, किरण, ऋतु, दुर्गा, संगीता, राजमति आदि महिलाओं ने बताया कि अब तक उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि अंत्योदय कार्ड मिलने से अब परिवार को चावल, गेहूं, तेल, चीनी जैसी आवश्यक वस्तुएं मिल सकेंगी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि शासन की मंशा है कि योजनाओं का लाभ वास्तविक और पात्र लोगों तक पहुँचे। हाल ही में अंत्योदय कार्ड की सूची की जांच में करीब 350 अपात्र लोग चिन्हित हुए थे। जांच में पाया गया कि कई अपात्र कार्डधारकों के पास तीन मंजिला मकान और गाड़ियां थीं, जबकि हीराधरपुर की वनवासी बस्ती के पात्र लोग अब तक बिना राशन कार्ड के जीवनयापन कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि ऐसे अपात्रों के कार्ड तत्काल निरस्त कर पात्र परिवारों को योजना से जोड़ा गया। साथ ही कार्ड बनाने के लिए बस्तीवासियों से कोई शुल्क नहीं लिया गया, बल्कि शुल्क विभागीय अधिकारियों ने स्वयं वहन किया।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि “आज 21 पात्र महिलाओं को अंत्योदय कार्ड दिया गया है, शेष पात्र परिवारों की प्रक्रिया प्रगतिशील है। वर्ष के अंत तक करीब 500 अपात्रों के कार्ड निरस्त कर वास्तविक पात्रों को योजना से जोड़ा जाएगा। अंत्योदय का अर्थ ही है कि अंतिम व्यक्ति का उदय, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पात्रों को लाभ अवश्य मिले।”

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।