मिर्जापुर: जिले के अदलपुरा क्षेत्र में स्थित बड़ी शीतला धाम देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। यह प्राचीन मंदिर अपनी अनूठी धार्मिक मान्यताओं और श्रद्धालुओं की गहरी आस्था के लिए जाना जाता है। स्थानीय मान्यता है कि यहाँ मांगी गई सभी मुरादें मां शीतला पूरी करती हैं।
मंदिर में लगने वाले मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि बड़ी शीतला माता मानिकपुर से गंगा की धारा में बहती हुई सुल्तानपुर-अदलपुरा पहुंचीं और वहीं स्थापित हुईं। मंदिर के स्थापक माझी समाज के अनुसार, माता ने उन्हें सपने में कहा कि उन्हें मंदिर में स्थापित करें और वे उनकी रक्षा करेंगी।
विशेष बात यह है कि इस मंदिर में पूजा केवल माझी समाज के लोग करते हैं; ब्राह्मण पूजा नहीं करते। श्रद्धालु माता को पूड़ी, हलवा, नारियल, चुनरी और अड़हुल का फूल अर्पित करते हैं और मान्यता है कि माता दिल से की गई प्रार्थनाओं को अवश्य पूरा करती हैं।
नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर होती है। भक्त मंदिर परिसर के बाहर दिन-रात चादर बिछाकर रहते हैं और पूड़ी-हलवा बनाते हैं। मंदिर अधिकारियों के अनुसार, नवरात्र में लगभग डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। प्रशासन इस दौरान बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा पर विशेष ध्यान देता है।
साल में इस पवित्र स्थल पर दो बार मेला भी लगता है। श्रद्धालु यहाँ अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराने दूर-दूर से आते हैं। इसके अलावा माता के दर्शन और आराधना से लोग अपने बच्चों की शादी और अन्य मन्नतें भी मांगते हैं।
श्रद्धालुओं का मानना है कि देवी शीतला माता की आराधना से पूरे परिवार में एकता बनी रहती है और माता सभी मुरादें पूरी करती हैं। बड़ी शीतला माता के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास यहां का अद्वितीय धार्मिक अनुभव बनाता है।

Author: Ujala Sanchar
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