आपके बिहार में भूमि सर्वे का काम बहुत ही जोर सोर से चल रहा है. आपके लिए ये सर्वे का काम बहुत ही जरुरी काम है लेकिन फिर कुछ जगह पर कर्मियों की बिहार भूमि सर्वे में लापरवाही सामने आ रही है बंदोबस्त पदाधिकारी अपने एक बेवकूफी के वजह से हटा दिए गए है उनकी सबसे बड़ी बेवकूफी यह है की लगातार आ नहीं रहे थे इंद्रजीत कुमार 20 फ़रवरी 2024 से लगातार गलत तारिक से उपस्थित थे ऐसा कई बार हुआ की उनसे पूछे जाने के बावजूद कोई भी जवाब नहीं देते थे।
वो बार नहीं आते थे इस वजह से सर्वे के काम पर बहुत बुरा असर हुआ है जिसके वजह से भूमि सर्वे की प्रक्रिया में दिक्कत परेशानी आई है जो ये आपके बिहार में भूमि सर्वे हो रहा है उसका उदेश्य यह है की राज्य सरकार की जितनी भी जमींन है उसका सही रिकॉर्ड जैसे खाता खसरा बिहार, बिहार दाखिल ख़ारिज, भू नक्सा बिहार आदि तैयार करना है और इस जमींन पर जितने भी कहासुनी हो रहे है है उन सब को सुलझाना है अगर इसी तरह की लापरवाही से काम में देरी हो रहा है और हमारा सर्कार जो है वो इस मामले पर बहुत कड़े तरह से कारवाही को करते हुए आप सब को यह संदेश दिया है की भूमि का सर्वे काम बहुत जरुरी है और इस पर कोई भी लापरवाही बर्दस्त नहीं किया जाएगा।
बिहार भूमि सर्वे में लापरवाही से सम्बंधित कुछ मुख्य बिंदु
- कटिहार के जिले में एक खास सर्वे सहयक बंदोबस्त पदाधिकारी इंद्रजीत कुमार लगातार 20 फरवरी 2024 ऐ ही नहीं आ रहे है जिसके वजह से सर्वे का काम बहुत प्रभावी हो रहा है।
- भूमि के अभिलेख और जो पारीमाप के निदेशलय ने इंद्रजीत कुमार से न आने की वजह को पूछा लेकिन उन्होंने कोई कोई भी जवाब ही नहीं दिया इसके बाद क्या सेवा को समाप करने का फैसला ले ही लिया गया।
- अधिकारी नहीं आ रहे है जिसके चलते कई जगह पर तो भूमि सर्वे का रुक भी भी गया इन सब के वजह से सरकारी योजनाओ में और भूमि के रिकॉर्ड को तैयार करने में बहुत सी बढ़ा आई है।
लगातार अनुपस्थिति के कारण अधिकारी की सेवा समाप्त
कटिहार में लगगए गए है खास सर्वे के सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी जो है वो पिछले कुछ महीने से अपनी लापरवाही को दिखा रहे है लगातार न आकर इस के वजह से सर्वे का काम बहुत प्रभावित हो रहा है भूमि के अभिलेख और परिमाप निदेशालय के जरिये से यह उनसे पूछ गया की आप लगातार क्यों नहीं आ रहे है तो उनका इस सवाल का कोई भी नहीं दिया जब आप अधिकारी के आदेश का सहिओ तरीके से पालन ही नहीं करेंगे तो आप के खिलाफ कड़ा कदम उठाना ही पड़ेगा हो ना .
निदेशलय निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शनी ने इस सम्भन्ध में एक पात्र को जारी किया है जिसमे साफ़ साफ़ बोलै गया है की इंद्रजीत कुमार 20 फरवरी 2024 से बिना किसी को बताये आना बंद कर दिए कई बार तो उनको नोटिस भी दिया और औसर भी दिया गया फिर उन्होंने कुछ नहीं बोला इसका परिणामस्वरूप खास सर्वे मानदेय आधारित संविदा नियोजन नियामवली के अनुशार सेवा को ससपेंड कर दिया गया है.
सर्वेक्षण कार्य में बाधा: लापरवाही से बड़े काम में रुकावट
आपको बता दे की यह मामला इस बात को दिखता है की भूमि सर्वे कितना जरुरी है लेकिन का करे अधिकारी और कर्मी बिहार भूमि सर्वे में लापरवाही बरतते है तो इसका सिधार हमारे सरकारी योजन पर ही जाता है और काम पर असर पड़ता है भूमि सर्वे बिहार में भूमि का सुधर हो ही नहीं पता है और भूमि पर जितने भी कहासुनी है उसको भी सुलझाना भी बहुत जरुरी है पर बार बार अधिकारियो के ना आने के वजह से बहुत जगह पर तो इस लापरवाही के वजह से सर्वे का काम रुक गया है।
भूमि सर्वे में जितने भी कर्मी होते है आपको बता दे की उन सब की जिम्मेदारी होती है वो जमींन का सही सही रिकॉर्ड तैयार करे और यह भी सुनिश्चित करे की भूमि से जुड़े जितने भी फाइल्स है वो सही तरीके से उसको अपडेट भी किया जा सके लेकिन फिर भी सर्वे कर्मी इस काम को गंभीरता नहीं ले रहे है इससे न केवल सर्वे का जो काम है वो देरी से होगा बल्कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित होगा।
बिहार में भूमि का सर्वे काम हमारे सर्कार के बहुत ही ज्यादा हो गया है क्योंकि यह हमारे राज्य की जमीन का सही रिकॉर्ड तैयार करने और कहासुनी को सुलझाने में एक बहुत जरुरी कदम है लेकिन फिर भी कुछ अधिकारी और कर्मी की लापरवाही की वजह से जरुरी प्रक्रिया को रोक दिया गया है इंद्रजीत कुमार की सेवा को ख़तम करने के लिए एक संदेश है की सरकार ऐसे मामलों में अब सख्त कदम उठा रही है।
भूमि सर्वे काम को सफल बनाने के लिए पूरा करने के लिए सारे अधिकारी और कर्मी का अनुशासन और समयबद्धता जरुरी है। दि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाएंगे, तो इससे राज्य की विकास योजनाओं पर बुरा असर पड़ेगा। सरकार के जरिये गए इस सख्त कदम से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में भूमि सर्वे प्रक्रिया में सुधार होगा और लापरवाही करने वाले कर्मियों पर नजर रखी जाएगी।
क्या है भूमि सर्वेक्षण का महत्व?
हमारे बिहार में भुई सर्वे का बहुत बड़ा महतव है क्युकी इससे वहुमारे राज्य की जो भूमि है उसका सम्पति का सही रिकॉर्ड तैयार होता है यह जो सर्वे है न केवल पर्सनल जमींन के भी सही फाइल को तैयार करता है ताकि आपको भविष्य में भूमि के कहासुनी को सुलझाया जाये ताकि भूमि सर्वे के जरिये तिक्रमण की समस्या से निपटा जाता है और सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने में मदद मिलती है।
भूमि सर्वे का प्रथम उदेश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक जमीन का मालिकाना हक साफ़तरीके और जमीन से जुड़े कानूनी कहासुनी का निपटारा आसानी से हो सके। इससे हमारे राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होती है और सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जा सकता है।
लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी
इंद्रजीत कुमार जैसे अधिकारियों की लापरवाही यह साबित करती है कि सर्वे काम में शामिल कुछ लोग अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेते। ऐसे में सरकार का यह कदम सही दिशा में है कि उन पर कड़ी कारवाही की जाए ताकि बाकी अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारियों को समय पर निभाएं।
भूमि सर्वे जैसे जरुरी काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे पूरे राज्य के विकास काम प्रभावित होते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे कर्मियों पर सख्त नजर रखी जाए और समय पर कारवाही हो ताकि सर्वे काम समय पर पूरा हो सके।









