नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने प्रतिष्ठित दृष्टि कोचिंग संस्थान के उस दावे को फर्जी करार दिया है, जिसमें संस्थान ने वर्ष 2022 में 216 अभ्यर्थियों के यूपीएससी में चयन होने का प्रचार किया था।
सीसीपीए की जांच में सामने आया कि इन 216 अभ्यर्थियों में से 162 अभ्यर्थी केवल दृष्टि के मुफ्त इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम में शामिल हुए थे। यानी अधिकांश अभ्यर्थी पहले से ही प्री और मेन्स परीक्षा दे चुके थे और केवल इंटरव्यू की तैयारी के लिए कोचिंग में आए थे। नियमित कोर्स में दाखिला लेने वाले केवल 54 अभ्यर्थी थे।
संस्थान द्वारा किए गए इस भ्रामक प्रचार के चलते सीसीपीए ने दृष्टि कोचिंग पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। यह पहली बार नहीं है जब दृष्टि कोचिंग विवाद में आई हो। पिछले साल सीसीपीए ने वर्ष 2021 के रिजल्ट में 161 अभ्यर्थियों के चयन का दावा करने पर संस्थान पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। जांच में तब भी अधिकांश अभ्यर्थी केवल इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम में शामिल पाए गए थे।
सीसीपीए ने कहा कि इस तरह की भ्रामक जानकारी अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी है। दृष्टि कोचिंग की तरह ही 54 अन्य कोचिंग संस्थाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है। भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथा के मामलों में कुल 26 संस्थाओं पर 90.6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

Author: Ujala Sanchar
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