बलिया। आगामी कार्तिक पूर्णिमा स्नान और ऐतिहासिक ददरी मेला की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी व्यवस्थाओं को समयबद्ध और समन्वित रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ददरी मेला बलिया की सांस्कृतिक पहचान और जन सहभागिता का प्रतीक है, इसलिए इसे भव्य, सुव्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जाए।
डीएम ने क्रीड़ाधिकारी को निर्देशित किया कि मेले में पारंपरिक खेलों जैसे कुश्ती, वॉलीबॉल और फुटबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। साथ ही, महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम को भी मेले का हिस्सा बनाया जाए।
धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए, अधिशासी अभियंता को निर्देश दिया गया कि मेले में एक विशेष टेंट में भगवान गणेश और माता दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाएं।
सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से एलईडी स्क्रीन, सीसीटीवी कैमरे, कंट्रोल रूम और लाउडस्पीकर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, 15 विभागों द्वारा सरकारी योजनाओं की जानकारी देने हेतु प्रदर्शनी और स्टॉल लगाए जाएंगे।
डीएम ने कहा कि मेले की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए गंगा बहुद्देशीय सभागार में टेंडर प्रक्रिया खुले मंच पर की जाएगी, जिसकी लाइव मॉनिटरिंग दो बड़ी एलईडी स्क्रीन पर की जाएगी। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि समन्वय के साथ काम करें ताकि श्रद्धालु और आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक में सीडीओ ओजस्वी राज, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, एडीएम अनिल कुमार, सीआरओ त्रिभुवन, वरिष्ठ कोषाधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कहा “ददरी मेला बलिया की परंपरा और आस्था का प्रतीक है। हमारी प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सांस्कृतिक समृद्धि है।”
रिपोर्ट- आनंद मोहन मिश्रा








