मिर्जापुर: प्रांतीय सिंचाई नियमित कार्यप्रभारित दैनिक श्रमिक महापरिषद उत्तर प्रदेश के बैनर तले कर्मचारी संघ के सदस्यों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अपनाया है। कर्मचारियों का क्रमिक अनशन पिछले छह दिनों से लगातार जारी है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद उनकी मांगें अब तक पूरी नहीं की गई हैं।

कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने 25 जुलाई 2025 से अपने मांगपत्र के तहत क्रमिक धरना शुरू किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसलिए वे एक माह बाद फिर से अनशन पर बैठने को मजबूर हुए हैं।
प्रमुख मांगें-
- शासनादेश 02 जनवरी 2024 के अनुरूप कार्यवाही करते हुए दोनों पेंशन योजनाओं (ओपीएस और एनपीएस) का भुगतान किया जाए।
- एनपीएस की धनराशि को जीपीएफ खाते में परिवर्तित न किया जाए।
- शासनादेशों के विपरीत कार्यवाही कर वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसे रोका जाए।
- मुख्यालय पर कार्यरत श्रमिकों को शासनादेश के अनुसार पारिश्रमिक का भुगतान किया जाए।
- संघ भवन पर कराया गया अवैध कब्जा हटाया जाए।
- कृपाशंकर (ऑपरेटर, सेवानिवृत्त) के देयकों से की गई अनुचित कटौती को रोका जाए।
- रामचंदर और राजू (240 दिन से अधिक कार्यरत श्रमिकों) को शासनादेश के अनुरूप पारिश्रमिक भुगतान किया जाए।
- कार्य पर्यवेक्षकों को शासनादेशानुसार निर्देश और दायित्वों की स्पष्टता दी जाए।
- चिकित्सा व्ययपूर्ति देयकों का समय पर भुगतान किया जाए।
- कार्यों में लगाए गए श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाए।
- खंड स्तर पर श्रम अधिनियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 28 अक्टूबर तक उनकी मांगें नहीं मानीं, तो यह क्रमिक अनशन आमरण अनशन में बदल जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।








