वाराणसी। समाजवादी व्यापार सभा, उत्तर प्रदेश द्वारा घोषित प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को वाराणसी में पार्टी पदाधिकारियों और व्यापारी–वैश्य समाज के लोगों ने सीतापुर के बिसवां चौराहे से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व सांसद स्व. जगन्नाथ प्रसाद अग्रवाल “जगन बाबू” की प्रतिमा हटाने के विरोध में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी वाराणसी के प्रतिनिधि (एसडीएम माल पिनाक पाणी द्विवेदी) को सौंपा।
प्रदेशभर में विरोध अभियान
समाजवादी व्यापार सभा के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में ज्ञापन कार्यक्रम आयोजित किए गए। वाराणसी में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जबकि आयोजन का नेतृत्व महानगर अध्यक्ष काशीनाथ गुप्ता ने किया।
“राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई” — समाजवादी व्यापार सभा
ज्ञापन में कहा गया कि सीतापुर के गांधी कहे जाने वाले, स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व विधायक (1937–1952) एवं पूर्व राज्यसभा सांसद (1952–1964) स्व. जगन्नाथ प्रसाद अग्रवाल उर्फ़ जगन बाबू की प्रतिमा को 27 अक्टूबर 2025 को जिला प्रशासन द्वारा राजनीतिक दुर्भावना एवं ईर्ष्यालु भावना से प्रेरित होकर हटाया गया है। इस कदम को समाजवादी व्यापार सभा ने अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक बताया है।
अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इस प्रकरण को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वयं अपने फेसबुक और एक्स (ट्विटर) अकाउंट से उठाया है, और सरकार से प्रतिमा को पुनः उसी स्थान पर स्थापित करने की मांग की है।
वैश्य समाज में रोष
प्रदेश के विभिन्न जिलों के व्यापारी व वैश्य समाज के लोगों ने जगन बाबू की प्रतिमा हटाए जाने पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि “जगन बाबू न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे बल्कि वैश्य समाज के गौरव थे। उनकी प्रतिमा को हटाना केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे समाज का अपमान है।”









