मिर्जापुर: अहरौरा के जंगल महाल क्षेत्र में हर वर्ष की तरह इस बार भी प्रसिद्ध बेचू वीर का तीन दिवसीय मेला आज से प्रारंभ हो गया है। यह मेला पूरे पूर्वांचल में अपनी भव्यता और रहस्यमयी मान्यताओं के लिए जाना जाता है।
छठ पूजा के बाद अष्टमी से एकादशी तक चलने वाले इस मेले में हर वर्ष करीब 5 से 7 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां की मान्यता है कि भूत-प्रेत बाधा से पीड़ित लोग और निःसंतान महिलाएं बाबा बेचू वीर और मां बरहिया माता की पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगती हैं, और जिनकी मनोकामना पूर्ण होती है, वे अगली बार चढ़ावा चढ़ाकर दर्शन करने आते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा बेचू वीर और मां बरहिया की कृपा से हर मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। मेले के दौरान श्रद्धालु तीन दिन तक रुककर पूजा, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
बाबा बेचू वीर के वंशज वृजभूषण यादव ने बताया कि हर वर्ष लगभग 5 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचकर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मेला एकादशी के दिन “मनरी” बजाकर सम्पन्न किया जाता है, जो इस धार्मिक आयोजन का पारंपरिक समापन संकेत होता है।
इस दौरान पूरे परिसर में भक्तिमय वातावरण, लोकगीतों की गूंज और श्रद्धालुओं की अपार आस्था का माहौल देखने को मिल रहा है।
रिपोर्ट– अनुप कुमार










